दिल्ली: कोरोना वायरस से सारी दुनिया के देश भयाक्रांत हैं. 200 से अधिक देशों में कोरोना वायरस के कारण आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियां बद से बदहाल स्थिति में पहुंच गई हैं.
अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, चीन, ईरान, बेल्जियम, तुर्की के 10 देशों में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 14 लाख 57 हजार तथा इन देशों में मरने वालों की संख्या 1 लाख के ऊपर पहुंच गई है. भारत में भी लगभग 10 हजार संक्रमित मरीज पाए गए हैं.
इनमें अभी तक लगभग 370 लोगों की मौत हो चुकी है. 1000 से अधिक मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. संक्रमित मरीजों में ठीक होने वालों की संख्या भारत में अच्छी है. जिसके कारण यह माना जा सकता है, की चीन के बाद सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बाद भी, भारत में कोरोना वायरस का असर सबसे कम होगा.
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कोरोना वायरस के कारण सारी दुनिया के देशों में लॉकडाउन चल रहा है. कोरोना वायरस के कारण जो आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति सारे दुनिया के देशों की गड़बड़ाई है. उसके बाद भारत और चीन ही ऐसे देश हैं. जो सारी दुनिया को ना केवल इस बीमारी से निजात दिला सकते हैं. वरन आर्थिक दृष्टि से भी मददगार साबित हो सकते हैं.
भारत के लिए यह सबसे बड़ा सुनहरा अवसर है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं. जो जोखिम वाले निर्णय लेते हैं. जो निर्णय कर लेते हैं, उसे जमीन पर उतारने के लिए जी जान से जुड़ जाते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद, देश को नरेंद्र मोदी के रूप में दूसरा शक्तिशाली प्रधानमंत्री मिला है.
पिछले 6 वर्षों में नरेंद्र मोदी ने इसे साबित भी कर दिया है. देश के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में सारा देश उन्हें फॉलो करता है. भारत ही नहीं दुनिया के बड़े-बड़े देशों में उनकी लोकप्रिय और चमत्कारिक नेता के रूप में पहचान है. विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध बहुत मधुर हैं.
भारत की विश्वसनीयता तथा पिछले 7 दशक में भारत की वैश्विक छवि, चीन की तुलना में बहुत बेहतर है. कूटनीतिज्ञ संबंधों के आधार पर भारत के लिए यह एक बड़ा अवसर है. चीन की विश्वसनीयता, कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद सारी दुनिया के देशों में लगभग खत्म हो गई है.
ऐसे समय में भारत को अपनी आर्थिक, सामाजिक, औद्योगिक एवं न्यायिक स्थिति मैं मामूली सुधार करने से, दुनिया भर के सारे देश, चीन की तुलना में भारत में अपना कारोबार स्थापित करेंगे. पूंजी निवेश करने के लिए भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियां देख रही हैं. भारत के लिए एक बड़ा अवसर है.
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वैश्विक व्यापार संधि के बाद चीन ने जिस तरह सारी दुनिया में, चीन के उत्पादों के माध्यम से अपना वर्चस्व बनाया. उसका सही जवाब देने का समय अब भारत के पास है. यदि ऐसा हुआ, तो बहुत कम समय में भारत दुनिया का नंबर 1 का देश बनेगा. इसमें कोई शक और सुबहा की गुंजाइश नहीं है.
चीन से कोरोना वायरस सारी दुनिया में फैला. चीन दावा करता है कि उसके यहां कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग 82000 थी. मरने वालों की संख्या 3340 आधिकारिक तौर पर बताई गई है. अनाधिकृत सूत्रों से जो जानकारी प्राप्त हो रही है. चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लाखों में थी.
चीन ने इसे सारी दुनिया से छुपाया है. चीन में नवंबर 2019 से कोरोनावायरस फैलना शुरु हो गया था. रोजाना हजारों की संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की मौत हो रही थी. चीन के बुहान से सारी दुनिया में कोरोना का वायरस फैला. चीन ने दुनिया भर के देशों से आए हुए लोगों को वापस भेजने के लिए बुहान एयरपोर्ट का उपयोग किया. जबकि चीन ने अपने अन्य प्रदेशों से बुहान की सीमा को सील कर दिया था.
आज सारी दुनिया में यह कहा जा रहा है कि चीन ने एक सुनियोजित साजिश के तहत दुनिया के सभी देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाया है. चीन ने सारी दुनिया के देशों को कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए कोई उपाय भी नहीं बताएं. जिसके कारण सारी दुनिया के देशों में लाखों लोगों की मौत हो गई. वहीं लगभग 15 लाख कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहे हैं.
वैश्विक व्यापार संधि के बाद दुनिया की सभी नामी-गिरामी कंपनियों ने चीन में अपनी कंपनी स्थापित कर, वहां से उत्पाद बनाने का काम शुरू किया था. चीन में सबसे कम मजदूरी में काम होता है. चीन में उत्पादित माल का लागत मूल्य अन्य देशों की तुलना में बहुत कम होने से, सारी दुनिया के उद्योगपति चीन की ओर आकर्षित हुए.
चीन की सबसे बड़ी आबादी ने उसे यह मौका दिया था. जिससे चीन सारी दुनिया में अपने आर्थिक साम्राज्य को स्थापित कर पाया. जिस तेजी के साथ चीन सारी दुनिया के देशों में आर्थिक दृष्टि से मजबूत होकर चीन पंख फैलाए. अब चीन पर यह आरोप लग रहा है, कि उसने जानबूझकर सारी दुनिया में कोरोनावायरस फैलाकर, सारी दुनिया में अपनी बादशाहत कायम करने की कोशिश की है.
कोरोना वायरस से संक्रमित देशों की अब सहायता करके उनकी सहानुभूति बटोरकर सारी दुनिया के साथ कृत्रिम जंग लड़कर अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है.
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भारत के लिए यह एक अच्छा अवसर है. चीन के बाद भारत, दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश है. भारत में कुशल और अकुशल कामगारों की संख्या करोड़ों में है. भारत की आबादी में सारी दुनिया के देशों की तुलना में सबसे ज्यादा युवा आबादी है. अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, साउथ कोरिया जैसे देशों के उद्योगपति चीन से बाहर निकलना चाहते हैं.
कोरोना वायरस के रूप में भारत के लिए यह एक नया अवसर है. कोरोना से डरने की स्थान पर कोरोना से लड़ते हुए इस जंग को आसानी से जीता जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत की युवा आबादी को, औद्योगिक उत्पादों के निर्माण, सेवा के क्षेत्र और व्यवसाय से जोड़ने के लिए चीन की तरह भारतीय नीतियों में परिवर्तन लाये. सारी दुनिया के पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने का अभी तक का सबसे अच्छा अवसर हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय युवाओं के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. डिग्रियों के स्थान पर काम के आधार पर रोजगार, नौकरी तथा सेवा के क्षेत्र में पगार का नया फंडा देकर, देश के 30 करोड़ युवाओं को रोजगार से जोड़ने की नेतृत्व क्षमता उनमें है.
भारत के युवा अभी सरकारी और कारपोरेट नौकरी ही करना चाहते हैं. करोड़ों युवाओं को श्रम एवं योग्यता के बल पर रोजगार से जोड़कर वह भारत की बेरोजगारी दूर करने में सफल होंगे. भारत को सारी दुनिया के देशों के बीच विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर पाने के लिए यह बड़ा अवसर है.
वर्तमान स्थिति में कठोर निर्णय लेकर लोगों के बीच में आशा के नए दीप जलाने आर्थिक एवं न्याय क्षेत्र में विश्वसनीयता पैदा कर, भारत को आर्थिक दृष्टि से सारी दुनिया का नंबर वन का देश बनाने में मोदी समर्थ है. इसमें कोई संदेह नहीं है. भारत को दुनिया के पीछे भागने तथा वैश्विक संगठनों की नीतियों को पालन करने के स्थान पर स्वयं के बल पर आगे बढ़ना होगा.