रांची: खेल की दुनिया में एक खिलाड़ी अपनी जिंदगी लगा देता है किसी खेल में कुशलता पाने के लिए, लेकिन अगर हौसला और जूनून हो तो असंभव कुछ भी नहीं. ऐसा ही कारनामा झारखंड के युवा एथलिट अमित मोदक ने कर दिखाया. बचपन से ही खेल में अपना करियर बनाने की चाहत थी लेकिन घर की गरीबी के कारण अपने मनपसंद खेल में आगे नहीं बढ़ पाया .
अमित ने अपना करियर क्रिकेट से शुरू किया था लेकिन क्रिकेट किट महंगा होने की वजह से बीच में ही छोड़ना पड़ा. इसके बाद कराटे में हाथ आजमाया. ओपन चैंपियनशिप में खेला भी लेकिन आर्थिक मदद न मिलने की वजह से तीरंदाजी में अपनी किस्मत आजमाना चाही. प्रदर्शन भी अच्छा रहा लेकिन किट की समस्या यहां भी आयी.
हौसला था कुछ कर गुजरने का इसलिए ताइक्वांडो ज्वाइन किया और विश्व रिकॉर्ड बनाकर अपना नाम विश्व पटल पर पहुंचाया जिसके बाद विदेशों के कोच ने अमित की मेहनत की सराहना की. आज युवा खिलाड़ी को अमित से प्रेरणा मिलती है.