महाराष्ट्र: पालघर में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है, जहां मुंबई के कांदिवली के रहने वाले तीन लोगों को गडचिंचल में ग्रामीणों के एक समूह ने पीट-पीट कर मार डाला.
तीनों को चोर समझ कर पिटाई कर दी
बताया जा रहा है कि गांव वालों ने इन तीनों को चोर समझ कर इनकी पिटाई कर दी. इतना ही नहीं घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला किया गया.
जा रहे थे अंतिम संस्कार में
पालघर जिला कलेक्टर कैलास शिंदे ने कहा, “शुरुआती जानकारी के अनुसार, एक सुशील गिरि महाराज, जो कांदिवली में एक आश्रम में रहता था, और दो अन्य, जयेश और नरेश येलगडे एक वैन में बैठ कर जा रहे थे, जिसे उन्होंने किराए पर लिया था.” इन तीनों में से ही एक शख्स कार चला रहा था और ये लोग सूरत अंतिम संस्कार में जा रहे थे.
लॉकडाउन के बावजूद भी तीनों ने 120 किमी की सफर पूरा कर लिया था, लेकिन गडचिंचल गांव के पास वन विभाग की एक संतरी ने उन्हें रोक दिया. बुधवार रात करीब 10 बजे कार में बैठे तीनों लोगों की दो वन विभाग के कर्मियों के साथ बातचीत हो रही थी कि अचानक कुछ लोग कार के पास आए और बहस करने लग गए, जैसे ही बहस तेज हुई तो भीड़ ने तीनों को पीट दिया. इस बीच वन रक्षकों ने कासा पुलिस स्टेशन में फोन किया, जो कि घटनास्थल से 35 किलोमीटर दूर था.
पुलिसकर्मियों को भी धमकाया
इसके बाद कासा के चार पुलिसकर्मियों की एक टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक भीड़ ने उस कार को पलट दिया था जिसमें तीनों लोग सवार थे और यहां तक कि वे लोग पुलिसकर्मियों को भी धमकाने लगे. वहां मौजूद कुछ लोगों ने अपने फोन से वीडियो शूट कर लिया, जिसमें भीड़ को तीन लोगों की पिटाई करते हुए देखा गया.
पालघर के जिला पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने कहा कि गडचिंचल के 110 ग्रामीणों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं. सिंह ने कहा कि पुलिस यह भी जांच करेगी कि लॉकडाउन के बावजूद तीन लोग कांदिवली से यहां तक आने में कैसे कामयाब रहे. कास अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए तीनों के शवों को भेज दिया गया है.