गुरुग्राम: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के चलते देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार प्रवासी मजदूरों पर पड़ी है. आर्थिक तंगी और 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं कर पा रहे लोग आत्महत्या का सहारा लेने लगे हैं.
ताजा मामला दिल्ली से सटे गुरुग्राम का है. यहां पर सरस्वती कुंज इलाके में स्थित झुग्गियों में पत्नी और 4 बच्चों के साथ रहने वाले मुकेश ने बृहस्पतिवार दोपहर अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी. वहीं, प्रशासन का दावा है कि जिस इलाके में आत्महत्या की बात सामने आई है, वहां पर भोजना का वितरण किया जा रहा है. पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील का कहना है कि जिस इलाके में मुकेश ने आत्महत्या की, वहां पर रोजाना भोजन का वितरण किया जा रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश की पत्नी पूनम का कहना है कि उनका पति मुकेश घरों में पेंटिंग का काम करता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण रोजगार छिन गया था. इससे भी पहले मुकेश ने दिहाड़ी मजदूरी शुरू कर दी थी. पिछले तकरीबन एक महीने से काम नहीं था, घर पर पैसा भी खत्म हो गया था. उम्मीद थी कि 14 अप्रैल से लॉकडाउन खुल जाएगा, लेकिन इसके आगे बढ़ने से सारी उम्मीद टूट गई. वहीं, मृतक मुकेश के एक रिश्तेदार ने भी बयान दिया है कि वह कई दिनों से दिमागी रूप से परेशान चल रहा था.