दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया है. इस कारण बहुत से प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंस गए हैं.
शर्तों के साथ राज्य के भीतर काम के स्थानों पर जाने की अनुमति
वहीं, गृह मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के भीतर उनके काम के स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी.
गृह मंत्रालय ने रविवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है. गृह सचिव अजय भल्ला ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी प्रकार के अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं होगी.
राहत और आश्रय शिविरों में रखे गए हैं कार्यरत मजदूर
भल्ला द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के फैलने के कारण उद्योग, कृषि, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में कार्यरत मजदूर अपने-अपने काम के स्थानों से चले गए हैं और राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा चलाए जा रहे राहत और आश्रय शिविरों में रखे गए हैं.
मजदूरों को लगाया जा सकता है औद्योगिक, विनिर्माण, निर्माण, खेती और मनरेगा कार्यों में
चूंकि कंटेनमेंट जोन के बाहर, अतिरिक्त गतिविधियों को 20 अप्रैल से समेकित संशोधित दिशानिर्देशों में अनुमति दी गई है. इस कारण इन मजदूरों को औद्योगिक, विनिर्माण, निर्माण, खेती और मनरेगा कार्यों में लगाया जा सकता है.
SOP में क्या-क्या कहा गया-
वर्तमान में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राहत और आश्रय शिविरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को संबंधित स्थानीय प्राधिकरण के साथ पंजीकृत किया जाना चाहिए और विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए उनकी उपयुक्तता का पता लगाने के लिए उनके कौशल मानचित्रण का कार्य किया जाना चाहिए.
एसओपी में कहा गया है कि प्रवासियों का एक समूह राज्य के भीतर अपने काम के स्थानों पर लौटने की इच्छा रखता है तो उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्हें उनके काम के स्थानों पर ले जाया जाएगा. इसमें कहा गया है कि वर्तमान में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी.
बस से यात्रा के दौरान, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षित सामाजिक-सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाए और परिवहन के लिए उपयोग की जाने वाली बसों को स्वास्थ्य अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के अनुसार साफ किया जाए. एसओपी में कहा गया है कि स्थानीय अधिकारी भोजन और पानी आदि की भी व्यवस्था करेंगे.