रांची: मेडिकल डॉक्टरों के एकमात्र प्रतिनिधि संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोविड – 19 से जुझ रहे डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति भारत सरकार की उदासीनता के खिलाफ 23 अप्रैल को देशव्यापी स्तर पर काला दिवस मनाए जाने का आह्वान किया है.
इस दिन डॉक्टर काला बैच लगा कर काम करेंगें. इसकी शुरुआत 22 अप्रैल की शाम को स्वेत सतर्कता से होगी जब अस्पतालों में चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ द्वारा मोमबत्ती या मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाकर सरकारों का ध्यान आकर्षित किया जाएगा.
डॉक्टरों ने केंद्र सरकार से कहा है कि जब सेना युद्ध के मोर्चे पर लड़ने जाती है तब वो हथियारों से लैस होती है क्योंकि बिना हथियारों के दुश्मन से मुकाबला नहीं किया जा सकता है लेकिन कोरोना जैसे मारक शत्रु से लड़ने के लिए सरकार ने डॉक्टरों नर्सो एवं अन्य मेडिकल स्टाफ को पर्याप्त सुरक्षा किट दिए बिना कोरोना से निपटने के लिए भेज दिया है.
सीपीआईएम आईएमए के इस दृष्टिकोण से पूरी तरह सहमत है और उनके आह्वान के साथ अपनी एकजुटता का इजहार करते हुए भारत सरकार से मांग करता है कि कोरोना महामारी से जुझ रहे डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने के काम को प्राथमिकता में रखे.