रांची: कोरोना संकट के बीच राज्य में सरकार के घटक दल कानून का उल्लंघन करते हुए भय और आतंक का माहौल खड़ा कर रहे. यह बयान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सांसद समीर उरांव ने महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह के कारनामो पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कही.
उरांव ने कहा कि इस राज्य में जनता का क्या होगा जहां पुलिस प्रशासन के लोग ही भयभीत और आक्रांत हों. उन्होंने कहा कि आज कोरोना संकट में पुलिस ने जिसप्रकार से गरीबों की सेवा की है, भोजन की व्यवस्था संभाली है, कानून व्यवस्था को बनाने में दिनरात परिश्रम किया है. ऐसी परिस्थिति में एक जन प्रतिनिधि के द्वारा अनावश्यक दबाव डालना लोकतंत्र को कलंकित करना है. उरांव ने कहा कि गठबंधन की सरकार जनता की सेवा केलिये नही बनी है बल्कि यह सरकार धौंस दिखाकर अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति केलिये बनी है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ट्रांसफर और निलंबन का भय दिखाकर अधिकारियों से नियम विरुद्ध कार्य करा रही. चाहे वह रांची से लॉक्ड डाउन में बस का परमिशन दिलाना हो या मेहरामा ब्लॉक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की प्रतिनियुक्ति करानी हो ,एक ही मंशा झलकती है.
उरांव ने कहा कि जन हित से जुड़े मुद्दों में मंत्री के आरोप पर कार्रवाई करने के लिये मंत्री प्रमाण मांगते हैं वहीं अनावश्यक एफआईआर में विधि सम्मत देर भी बर्दाश्त नही. ऐसे में सत्त्ताधारी दल केलिये महामारी संकट को दूर करना महत्वपूर्ण नहीं है. उरांव ने कहा कि भाजपा की चिंता आज गहरी होती जा रही है. संथाल परगना सहित पुरा प्रदेश राष्ट्र विरोधी ताकतों की चपेट में आ रहा है. देवघर में जिस प्रकार बाबा मंदिर के समीप बंगलादेशी संदिगध अवस्था मे पकड़ा गया है उससे भाजपा के आशंकाओं की पुष्टि होती है.
पार्टी ने मंत्री द्वारा लॉक्ड डाउन में भेजे गए मकदूरों में भी बांग्लादेशी की आशंका व्यक्त की थी. लोहरदगा में भी रोहिंग्या की उपस्थिति संबंधी रिपोर्ट विशेष शाखा ने दी थी. उरांव ने कहा कि सरकार राज्य को अराजक होने बचाये.विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने जिसप्रकार लॉक्ड डाउन का उल्लंघन करते हुए सरकारी कार्य मे बाधा डाला है, समर्थकों सहित उनपर अविलंब एफआईआर दर्ज हो.