चतरा: लॉकडाउन में गरीब परिवारों के लिए खाद्यान्न मुहैया करवाने में राज्य सरकार व जिला प्रशासन की भूमिका काफी सराहनीय है. भारतीय खाद्य निगम चावल आपूर्ति में दिन रात लगा है. गोदामों में खाद्यान्न की कमी नहीं है. गरीबों को भरपेट भोजन देने के लिए जिला आपूर्ति विभाग जनवितरण प्रणाली दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध करवाने में लगे हैं. लेकिन इन खाद्य गोदामो में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं है न तो किसी के पास मास्क है और न ही सेनिटाइजर की व्यवस्था. ऐसे में कर्मियों पर कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसके कारण यहां कार्य करनेवाले मजदूर काफी डरे और सहमे हुए हैं.
चतरा जिले के विभिन्न प्रखंडो में गरीब और जरूरत मंद परिवारों के बीच खाद्यान्न वितरण को ले प्रतिदिन यहां सैंकड़ों ट्रकों का आगमन हो रहा है. बावजूद वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना के रोकथाम को ले खाद्यान गोदाम प्रबंधक सचेत नहीं हैं. खाद्यान्न लेकर आने वाले बाहरी ट्रक चालकों का मेडिकल जांच तक नहीं हो रहा. इतना ही नहीं अपनी जान हथेली पर रखकर दूसरों का पेट भरने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले ट्रक चालकों को भोजन तक मयस्सर नहीं हो पा रहा है.
मजदूरों की मांग है कि जिला प्रशासन खाद्यान्न गोदामो में मेडिकल जांच की व्यवस्था करे. गोदाम में कार्यरत संचालक कैलाश पांडेय ने बताया कि बाहरी ट्रकों के आने से कोरोना का खतरा बना हुआ है. हमलोग जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. हमलोगों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. प्रशासन मेडिकल जांच की व्यवस्था करे.
वहीं जिला आपूर्ति पदाधिकारी बिपिन दुबे ने बताया कि जिले में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है. सब कुछ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. राज्य सरकार की ओर से अप्रैल में ही दो माह अप्रैल औऱ मई का खाद्यान्न उपलब्ध करवा दिया है. अब केंद्र सरकार की ओर से भी अप्रैल, मई का खाद्यान्न उपलब्ध करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि खाद्यान्न की उपलब्धता को लेकर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में जितने भी आपूर्तिकर्ता और होलसेलर के साथ बैठक की गई थी, इनलोगों द्वारा बताया गया कि चावल, दाल, तेल समेत अन्य जरूरत के समान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.
आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि सभी खाद्यान्न गोदामों में मास्क-सेनिटाइजर उपलब्ध करवाए जा चुके हैं. उनको यह भी बताया गया है कि मेडिकल नियमों के तहत ही कार्य करें. साथ ही उनको सोशल डिस्टेंसिंग के तहत कार्य करने को कहा गया है. ट्रक ड्राइवरों के भोजन व्यवस्था पर कहा कि पूरे जिले में दीदी किचन योजना और दाल भात केंद्र चलाये जा रहे हैं, वहां जाकर भोजन कर सकते हैं.