रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात से मुश्किल में फंसे लाखों-करोड़ों देशवासियोंको उम्मीद थी कि उन तक मदद पहुंचाने को लेकर कोई ठोस घोषणा होगी, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा.
प्रदेश प्रवक्ता ने अचानक देशव्यापी लाॅकडाउन शुरू होने से झारखंड के लाखों प्रवासी श्रमिक, छात्र-छात्राएं, मरीज और उनके परिजन दूसरे राज्यों में मुश्किल में फंसे है. राज्य सरकार द्वारा बार-बार ऐसे लोगों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी करने की अपील की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है, संकट की इस घड़ी में विशेष पहल की उम्मीद थी, राज्यों को विशेष सहायता उपलब्ध करायी जानी और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर में जो कमी आयी है. उससे निपटने के लिए भी आवश्यक इंतजाम किये जाने की जरूरत है, लेकिन अब तक तक लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये है. वहीं वैश्विक आपदा कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए आपदा राहत कोष से भी पर्याप्त राशि नहीं मिल रही है.
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि वैश्विक संकट से निपटने के लिए लोगों की मदद की जगह महंगाई भत्ते में कटौती किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. अभी मुश्किल की घड़ी में बाजार में अधिक से अधिक धनराशि कैसे पहुंचे, इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही बेरोजगार हुए सभी युवाओं को आर्थिक सहायता मिलें. औद्योगिक और व्यवयायिक क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की घोषणा और कृषि, पशुपालन और मत्स्य क्षेत्र के लिए भी सहायता पैकेज की घोषणा होनी चाहिए.