देवघर: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी नैन्सी सहाय द्वारा जानकारी दी गयी कि कोरोना वायरस से लोगों के बचाव हेतु कोरोना वायरस रेगूलेशन, 2020 लागू कर दिया गया है. इसके तहत मीडिया संस्थानों और मीडिया कर्मियों को भी आवश्यक व उचित गाइडलाईन दिया गया है. इसके बावजूद कुछ मीडिया संस्थान और मीडिया कर्मी बेवजह मणग्रंथ खबरों को दिखा रहे हैं. कई बार ऐसा देखने और सुनने को मिलता है कि मीडिया द्वारा दिखाए जा रहीं खबरों की वजह से लोगों में घबराहट के साथ बेबुनियाद अफवाहों से लोग परेशान होते है. ऐसे में सभी मीडिया संस्थानों के साथ मीडिया कर्मियों को निर्देशित किया जाता है कि खबर चलाने से पहले उस घटनाक्रम पर आधिकारिक बयान अवश्य लें.
ज्ञात हो सभी की सुरक्षा के उद्देश्य से झारखंड राज्य महामारी कोविड-19 रोकथाम नियमावली 2020 पारित किया गया है। ऐसे में आदेश के तहत नियमों का पालन व सहयोग करें. उन्होंने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से किसी भी संस्थान कोई भी व्यक्ति या संस्था कोविड-19 से संबंधित मामलों को बिना अनुमति के प्रचारित या प्रसारित नहीं करने का आदेश जारी किया गया है. इन नियमों के प्रावधानों में से कोई भी उल्लंघन करने वाले को नियंत्रित करता है या आदेश की अवहेलना करता है या इन नियमों के तहत किसी भी प्राधिकारी पर लगाए गए कार्यों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रदर्शन को बाधित करता है, तो भारतीय दंड संहिता, 1860 (45) की धारा 188 के तहत अपराध माना जाएगा.
इस रेगुलेशन के मुताबिक कोई भी संस्थान, संस्था, मीडिया (प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक) और सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से संबंधित तथ्यहीन या गलत मामला या अन्य कोई मामला बिना अनुमति के प्रकाशित या प्रसारित नहीं किया जायेगा, ताकि लोगों के बीच भ्रम या फिर अफवाह नहीं फैले.