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अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर भगवान भास्कर को अर्ध्य अर्पित कर पशुओं को कराया भोजन
रांची: वैश्विक आपदा कोरोना के कारण अकस्मात अव्यवस्थित हुए मानव जीवन की लय को सुव्यवस्थित रखने के साथ-साथ पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं के कल्याण के लिए प्रख्यात समाजसेवी सुधांशु सुमन ईश्वर से प्रार्थना में जुटे हैं.
आज रविवार (वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया) को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उन्होंने भगवान भुवन भास्कर को अर्ध्य अर्पित किया. दिनचर्या में शामिल नव ग्रह शांति पाठ व हवन आदि आध्यात्मिक अनुष्ठान संपन्न करने के क्रम में उन्होंने समस्त संसार की मानव जाति के कल्याण की कामना की.
इसके साथ ही पशु-पक्षियों व अन्य जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर मंडराते खतरे से बचाने के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना की. नवग्रह शांति पाठ और पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने गौ माता की सेवा की और तालाब में तैरती मछलियों को भी चारा दिया.
उनका मानना है कि इस शुभ दिन के अवसर पर किए गए दान- पुण्य व धार्मिक कार्य का कभी क्षय नहीं होता है. नदी- तालाब में स्नान व पूजा-पाठ से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इसी वजह से इस शुभ दिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है. संतों और शास्त्रों के अनुसार इस दिन विधि विधान से किए गए जप -तप हजारों गुना फलदाई होते हैं.
पशुओं के प्रति उनका प्रेम सराहनीय ही नहीं बल्कि अनुकरणीय भी है. राष्ट्रीय अभियान तिरंगा सम्मान यात्रा के माध्यम से देश प्रेम का अलख जगाने वाले समाजसेवी सुधांशु सुमन पर्यावरण प्रेमी और पशु प्रेमी भी हैं.
गौ सेवा के अलावा अन्य पशुओं के प्रति भी उनका लगाव है. सड़कों पर लावारिस घूमते गाय-बैल, बकरियों, कुत्तों आदि को भोजन कराने के बाद उन्हें सुखद अनुभूति होती है. एक कर्मयोगी के रूप में पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति समर्पित सुमन पशु- पक्षियों के प्रति भी दया व करुणा का भाव रखते हैं. यह उनकी महानता व सहृदयता का परिचायक है.