रांची: अभ्यास सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय भरतिया झारखंड अभ्यास सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष संजय सर्राफ एवं सचिव नीरज भट्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी और लॉक डाउन की विकट समस्या ने यह सिद्ध कर दिया है कि गौ-सेवा परिवार द्वारा परिचालित गौ आधारित स्वावलंबी जीवन पद्धति ही चिर स्थायी और सभी समस्याओं से बचने का सर्वोत्तम एवं सुरक्षित मार्ग है. एक बार पुन: सिद्ध हो गया कि गौ ग्राम प्रकल्प ना केवल गो वंश की रक्षा में सफल बल्कि किसान परिवार को इस भीषण संकट की घड़ी में भी सुरक्षा प्रदान कर रहा है. उसके घर में जैविक अनाज है पोषण वाटिका में जैविक सब्जी है, गोबर गैस से स्वयं का ईंधन है, और पंचगव्य से स्वयं का उपचार भी है. उसका अपना तालाब है, अपना फल का पेड़ है, हवन के लिए गोबर का कंडा है, और स्वयं की गाय का घी है, मंजन, साबुन, धूप भी गाय से स्वयं तैयार करता है.
हमारे किसान को खाद और कीट नाशक खरीदने बाजार नहीं जाना पड़ता है, वह गोबर और गौमूत्र से स्वयं ही उर्वरक खाद और कीट नाशक बना लेता है. जिसके पास गाय है और भूमि है उसे दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस संकट के समय हमें अपनी कार्य पद्धति पर विश्वास और अधिक दृढ़ हो गया है. इस कार्य को और द्रुत गति से और अधिक गांव तक पहुंचाने का उत्साह प्रबल हुआ है. गौ आधारित ग्राम ही सम्पूर्ण विश्व के कल्याण का सर्वोत्तम मार्ग है, यही कोरोना का संदेश है.
अभ्यास सेवा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि समिति गौ सेवा परिवार को पूर्ण सहयोग कर रही है. समिति द्वारा हावड़ा कोलकाता में गो ग्राम प्रकल्प पर आधारित सामानों का वृहत स्तर पर स्टोर का शुभारंभ कर जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है. तथा शीघ्र ही झारखंड में भी सभी जिलों में इसे जन-जन तक पहुंचाया जाएगा.