दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) ने राज्य सरकारों को रैपिड एंटीबॉडी जांच को लेकर संशोधित एडवाइजरी जारी की है. आईसीएमआर ने नाज्य सरकारों को लिखा है कि वह गुआंगझोउ वोंडफो और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक्स किट का इस्तेमाल न न करें.
बता दें कि चीन की इन दो कंपनियों ने भारत में करीब सात लाख रैपिड टेस्ट किट भेजी थीं, इनमें से कई किट्स में गड़बड़ी पाई गई था.
आईसीएमआर ने इस संबंध में कहा कि राज्यों को सलाह दी जाती है कि इन दोनों कंपनियों की टेस्ट किट का इस्तेमाल न करें और इन किट को वापस इनने सप्लायर को भेज दें.
वहीं, भारत सरकार ने रैपिड एंटीबॉजी टेस्ट किट की खरीद को लेकर कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि आईसीएमआर ने इन किट की आपूर्ति के संबंध में अभी कोई भुगतान नहीं किया है.
बता दें कि गुआंगझोऊ बायोटेक ने करीब पांच लाख और झुहाई लिवजोन ने दो लाख किट भारत भेजी हैं. इन दोनों कंपनियों की कुछ किट में आईसीएमआर को खामियां मिली थीं. इस किट का इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए नहीं बल्कि महामारी के प्रसार का पता लगाने के लिए किया जाता है. ये एंटी बॉडी की जांच के लिए हैं.
आईसीएमआर ने कहा था कि ये रैपिड एंटीबॉडी जांच किट कोरोना की शुरुआती जांच के लिए बल्कि सर्विलांस के लिए उपयोग में लाई जाएंगी.