नई दिल्ली: व्यापक कोरोना वायरस महामारी से प्रेरित लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने सबसे अधिक प्रभावित उद्योगों के लिए राहत प्रदान कर सकती है और ऐसे उद्योगों के लिए छह महीने के लिए माल और सेवा कर (जीएसटी) पर रोक लगा सकती है. हालांकि सिफारिशों पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद लेगी.
गौरतलब है वर्तमान समय में भारत COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन में है. इस अवधि के दौरान केवल आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छूट प्रदान किया जा सकता है, जिससे कई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है. इनमें विमानन और पर्यटन क्षेत्र प्रमुख हैं, जो लॉकडाउन में बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी भुगतान पर विराम को उड्डयन और आतिथ्य जैसे उद्योगों तक बढ़ाया दिया जा सकता है और रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए कम दर निर्धारित की जा सकती है. हालांकि Oneindia स्वतंत्र रूप इसको सत्यापित नहीं किया है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मौजूदा इनवॉइस-आधारित प्रणाली से टैक्स की गणना के बजाय नकद-आधारित पद्धति पर जाने की भी सिफारिश है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान प्राप्त भुगतान को खराब ऋण के रूप में मानते हुए केंद्र बिक्री पर जीएसटी की राहत भी दे सकती है. यही नहीं, सरकार नकदी से वाले कारोबार के लिए तरलता राहत उपायों पर भी विचार कर रही है.
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक “ऐसी सोच है कि इन सेवा क्षेत्रों के लिए सरकार को जीएसटी बकाया को कम से कम छोड़ देना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार अस्थायी आधार पर अन्य वैधानिक शुल्क भी माफ कर सकती है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी परिषद सिफारिशों पर अंतिम निर्णय करेगी.