रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने रिम्स में भर्त्ती राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद का इलाज करने वाले डॉ. उमेश प्रसाद के वार्ड में भी कोरोना संक्रमित मरीज मिलने पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार और पैरोल पर विचार करने वाली उच्चस्तरीय समिति लालू प्रसाद के मसले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें.
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कोरोना संकट को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है, ताकि जेल में बंद कैदियों और जेलकर्मियों तक संक्रमण का खतरा न फैल सके. इस संबंध में समिति द्वारा कुछ मामलों में विचार कर कैदियों को पैरोल पर छोड़ा भी गया, लेकिन समुचित विधिक परामर्श के अभाव के कारण लालू प्रसाद के मामले में निर्णय नहीं लिया जा सका है.
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पैरोल देने में पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में भी चर्चा हुई थी और इस संबंध में महाधिवक्ता से भी मंतव्य मांगा गया था, इसलिए अब जब लालू प्रसाद का इलाज करने वाले चिकित्सक के वार्ड तक कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है, तो इस मसले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देश के मुताबिक अन्य कैदियों और रिमांड होम के बंदियों के मामले में भी सरकार को पैरोल पर विचार करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग लालू प्रसाद को पैरोल देने पर सवाल उठा रहे है, उन्हें यह समझना चाहिए कि पैरोल का मतलब जेल से पूर्ण रिहाई नहीं है, बल्कि संकट की घड़ी में मानवता के दृष्टिकोण से सिर्फ थोड़ी देर के लिए राहत देने की बात की जा रही है.