ज्योत्सना,
खूंटी: उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ग्रामीण कोविड-19 को लेकर चल रहे लॉकडाउन में पुलिस जवानों से फ्रेंडली व्यवहार कर रहे हैं.
हम बात कर रहे है खूंटी जिले के सुदूरवर्ती अड़की प्रखंड के बिरबांकी इलाके की. खूंटी जिले के जिन जंगल पहाड़ों और सुदूरवर्ती इलाकों में अब तक कोई सामाजिक संगठन लॉक डाउन के बीच नहीं पहुंच रहे हैं वहां सीआरपीएफ के जवान एक एक गांव में अब चावल, दाल, चना, आलू, मास्क, सैनिटाइजर और साबुन जैसी दैनिक उपयोगी चीजें लेकर पहुंच रहे हैं. साथ ही कोरोना से बचाव के तरीके और सतर्कता संबंधी आवश्यक टिप्स देकर ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का भी ग्रामीणों से पालन कराया जा रहा है.
बिरबांकी के इलाकों में सीआरपीएफ 157 बटालियन खाद्यान्न के साथ साथ मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करा रही है. सीआरपीएफ C मतलब केअर करने वाले, R मतलब रेस्पोंसिबल, P मतलब पीसफुल इलाका बनाने में मददगार और F मतलब फ्रेंडली व्यवहार करने वाले कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
खूंटी जिले के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में भी सीआरपीएफ की अलग अलग बटालियन ने शांति व्यवस्था बहाल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है और अब लॉक डाउन में ग्रामीणों के दुख-दर्द में हर तरह की मदद को जवान आगे आ रहे हैं. बिरबांकी इलाके के लुपुंगडीह, मसूरीबेड़ा, करकडडीह, बाड़ापीड़ी, पीड़ीडीह में मदद की जा रही है.
इस कार्यक्रम में सीआरपीएफ 157 बटालियन के सहायक समादेष्टा जितेंद्र कुमार, पंचायत के मुखिया जावरा पाहन, वीरबांकी उप मुखिया धीरजु मुंडा, महिला समूह सदस्य श्वेता समद, बसंती समद, मनीषा समद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार उपस्थित थे.