रांची: ऑल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन झारखंड के अध्यक्ष अजय राय ने सूबे के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने राज्य के सभी स्कूलों को अप्रैल से जून तक का किसी भी तरह का शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया है.
इस संबंध में अजय राय ने शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा है, जिसके बाद उन्होंने मंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के अलग-अलग जिलों से लगातार अभिभावकों के शिकायत मिल रहे थे की स्कूल नोटिस व फोन के माध्यम से फीस जमा करने का दवाब बना रहे है, इस निर्णय से इस पर रोक लगेगी.
अजय राय ने कहा कि ऑल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन झारखंड के द्वारा उठाए गए स्कूल फीस मामले और कोविड-19 को देखते हुए मंत्री जगरनाथ महतो ने जनहित में काफी गंभीरता से लिया है. साथ ही इस पूरे मामले को लेकर एक 3 सदस्यों की कमेटी भी बनाई है जो अलग-अलग राज्यों के फीस से संबंधित आदेश आदि का अवलोकन के उपरांत रिपोर्ट देगी, जिसके उपरांत इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
ऑल स्कूल पैरंट एसोसिएशन ने मंत्री से बनाई गई कमेटी में विस्तार करने की मांग करते हुए उस कमिटी में अभिभावक संघ के भी प्रतिनिधि को भी रखे जाने की मांग की है, ताकि अभिभावकों की वर्तमान हालात को मजबूती के साथ रखा जा सके.
इस सम्बंध में अजय राय ने अपने पत्र में कहा है कि इस कमिटी में जो लोग रखे गए हैं वह स्कूलों का पक्ष तो लेंगे लेकिन सही मायने में जो अभिभावकों के कोरोना के विश्वव्यापी महामारी में जो हालात हैं उसका सुधि ले पायेंगे कि नहीं यह शिकायत अलग अलग जिलों के अभिभावकों द्वारा की जा रही है.
अजय राय ने मंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि पिछले 3 माह के अंदर भारत का विकास दर में तकरीन 8% की कमी आई है, देश के अंदर आई आर्थिक मंदी के कारण कई बड़े औद्योगिक इकाइयों में मजदूर कर्मचारियों की छटनी तेजी से हो रही है जिसका असर झारखंड में भी देखा जा सकता है.
यहा का हर सेक्टर चाहे ट्रांसपोर्ट, हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर, लघु कुटीर उद्योग हर तरफ हालात बद से बदतर हो गए हैं. राज्य के किसानों के हालात भुखमरी पर आकर टिक गई है.
अगले 3 महीनों के अंदर लगभग लाखों लोग नौकरी से वंचित होंगे यह अनुमान है, जिसमें खासकर वैसे अभिभावक जो सरकारी सेवा में नहीं है जो ज्यादा प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग है जिनकी तादाद यहां ज्यादा है और वर्तमान में उनके सामने ना कोई रोजी रोजगार हैं न कोई काम वो सिर्फ लॉकडाउन में अपने को घर के चार दिवारी में बंद किये हुए है.
राज्य के सैकड़ों अभिभावक अलग-अलग जिलों के ऑल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन से जुड़कर अपनी हर एक समस्या इसके प्लेटफार्म पर रखते आए हैं. ऐसे में अभिभावक के कमेटी में आने से सही वस्तु स्थिति आपके समक्ष रखी जा सकती है.
यह हमारा विनम्र आग्रह होगा. क्योंकि आप एक चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं जो सही मायने में जनता की आवाज बनकर विधानसभा में आते हैं और आप जैसे जनप्रतिनिधि ही जमीन से जुड़े हुए सही समस्या को जान सकता है. इसी को देखते हुए ऑल स्कूल पैरंट्स एसोसिएशन को यह विश्वास है आप हमारी आग्रह को सुनेंगे.