दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बीच गल्फ देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय नौसेना तैयार है. नौसेना ने तीन नौसैनिक जहाज तैयार किए हैं, जो कोविड-19 लॉकडाउन के बीच खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए कभी भी रवाना हो सकते हैं. ये जहाज एक बार में 1500-2000 लोगों को ला सकते हैं.
इंडिया टुडे के सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना और एयर इंडिया की उड़ानों के अलावा भारतीय नौसेना को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाना हो तो तत्काल एक्शन लिया जा सके.
एक सूत्र ने कहा, “खाड़ी देशों में फंसे लोगों को वहां से निकालने में यदि जरूरत पड़ी तो भारतीय नौसेना की मदद ली जाएगी. इन देशों के जिन जहाजों को चिन्हित किया गया है उनमें लगभग 1500 से 2000 लोग बैठ सकते हैं.”
अगर जरूरत पड़ी तो आईएनएस जलश्व के अलावा दो और जहाज तैयार हैं. अधिकारियों के मुताबिक, विदेश से भारतीयों को वापस लाने का ऑपरेशन तीन मई के बाद शुरू होगा और अगर जरूरत पड़ी तो नौसेना को अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि “अगर आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा हुई तो नौसेना से कहा जाएगा कि वह भारतीय वायुसेना की मदद करे.” उक्त अधिकारी ने कहा, “नौसेना स्टैंडबाय पर है और किसी भी आवश्यकता के लिए तैयार है.”
सूत्रों ने बताया कि नौसेना के जहाजों को मानक संचालन प्रक्रियाओं जैसे डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन आदि का पालन करने के लिए तैयार करने की जरूरत होगी. जहाज अपनी पूरी क्षमता के साथ लोगों को लाने में सक्षम नहीं हो सकते क्योंकि पर्याप्त दूरी बनाए रखने की जरूरत होगी. इसलिए मोटा-मोटा अनुमान है कि आईएनएस जलश्व में 1000 से अधिक लोगों को लाने की क्षमता है तो उसमें 700-800 लोगों को समायोजित किया जा सकता है. इसी तरह दो अन्य जहाजों में को ध्यान में रखते हुए 400-500 लोगों को लाया जा सकता है.
अगर किसी व्यक्ति में कोविड-19 का संक्रमण है या कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो ऐसे व्यक्ति को ऑन बोर्ड क्वारनटीन करने की भी सुविधा होगी. प्रोटोकॉल के मुताबिक, साथ में एक मेडिकल टीम भी होगी.