मध्य प्रदेश: कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बावरिया की जगह महासचिव मुकुल वासनिक को प्रदेश का प्रभारी नियुक्त कर दिया है.
कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के मुताबिक बावरिया ने खराब स्वास्थ्य के चलते इस्तीफा दिया है, जिसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकार कर लिया है.
मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस में यह बड़ा बदलाव लिया है. कांग्रेस ने मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाकर दलित दांव खेला है. हालांकि, वासनिक के पास पहले से ही केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी की जिम्मेदारी है.
बता दें कि दीपक बावरिया को मध्य प्रदेश के 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले की जगह प्रभारी नियुक्त किया गया था. कमलनाथ के चलते मोहन प्रकाश को हटाकर दीपक बावरिया को जिम्मेदारी दी गई थी. बावरिया गुजरात से आते हैं और राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश संगठन में बदलाव की मांग उठ रही थी.
बावरिया की जगह पार्टी ने मुकुल वासनिक को जिम्मेदारी सौंपी है. वासनिक महाराष्ट्र से कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक हैं. मुकुल वासनिक पार्टी में दलित चेहरा माने जाते हैं. वह महाराष्ट्र के बुलढाना से सिर्फ 28 साल की उम्र में लोकसभा सांसद चुने गए थे.
मुकुल वासनिक कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और वह कांग्रेस पार्टी के एक जाने माने चेहरा हैं. मुकुल वासनिक के पिता बालकृष्ण वासनिक कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से रहे हैं. इस तरह से उन्हें विरासत में सियासत मिली है. मुकुल वासनिक तीन बार सांसद रहे चुके हैं. वह पहली बार 1984-1989 में लोकसभा के सांसद बने थे.