उत्तर प्रदेश: राजस्थान के कोटा में फंसे कोचिंग के छात्र-छात्राओं को उनके घर तक पहुंचाने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ देश के अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों तथा गरीब लोगों को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने अन्य राज्यों में निवास कर रहे उत्तर प्रदेश के के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों से अपने घर वापस लौटने के लिए पैदल यात्रा न करने की अपील की है.
लोकभवन में टीम-11 के साथ बैठक में गुरुवार को उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों एवं श्रमिकों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने में सरकार के अभियान की प्रगति को परखा.
उन्होंने कहा कि अपने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए हम लोग सम्बन्धित राज्य सरकारों से सम्पर्क में हैं. प्रदेश सरकार ने सम्बन्धित राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के नाम, पते, टेलीफोन नम्बर तथा स्वास्थ्य परीक्षण की स्थिति सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी की कार्य योजना को आगे बढ़ाया जा सके.
उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली से लगभग 04 लाख प्रवासी श्रमिक एवं कामगार, हरियाणा से 12 हजार श्रमिक, कोटा राजस्थान से 11 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं की प्रदेश में सुरक्षित वापसी हो चुकी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश के बॉर्डर को पूरी तरह सील किया जाए. सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटीन लोगों की की निगरानी के लिए निगरानी समितियां गठित की जाएं. क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम से प्रवासी श्रमिकों को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरान्त घर भेजा जाए. घर भेजते समय सभी श्रमिकों को राशन की किट उपलब्ध करायी जाए.
उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होमतथा कम्युनिटी किचन तैयार किये जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके.