नई दिल्ली. लॉकडाउन के चलते अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों को गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ट्रेन चलाने पर विचार कर रही है. जानकारी के अनुसार सरकार ने रेलवे को जल्द से जल्द प्वाइंट टू प्वाइंट यानी नॉन्स्टॉप ट्रेन चलाने के लिए एक योजना बना कर देने को कहा है. राज्य इसे लेकर सहज नहीं हैं लेकिन भारत सरकार इसे अधिक आसान मानती है.
मिली जानकारी के अनुसार अगर पीएम नरेंद्र मोदी की योजना पर हां मिलती है तो एक प्वाइंट से दूसरे प्वाइंट तक की ट्रेनें चलेंगी. उन्हें तुरंत क्वारंटीन किया जाएगा. साथ ही ट्रेन में अतिरिक्त सावधानी भी बरती जाएगी. केंद्र सरकार ने बुधवार को नए दिशानिर्देश जारी कर राज्यों को फंसे हुए छात्रों, प्रवासी कामगारों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को उनके गृह प्रदेश या गंतव्यों तक दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए ले जाने की इजाजत दे दी थी. ये दिशानिर्देश फंसे हुए लोगों की आवाजाही के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के उद्देश्य से तैयार किये गए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की है और पाया है कि लॉकडाउन के कारण अब तक बहुत फायदे हुए हैं और चार मई से अनेक जिलों में पर्याप्त राहतें देने के लिए नये दिशानिर्देश जल्द जारी किये जाएंगे.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा.
गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या किसी व्यक्ति या परिवार को निजी वाहन में जाने की इजाजत मिल सकती है और यदि अनुमति मिल सकती है तो उसके लिए क्या शर्तें होंगी.
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे आदेश में भल्ला ने कहा, ‘लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, सैलानी, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं. उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी.’