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75 फीसदी स्थानीय को रोजगार देने का प्रयास, निजी अस्पताल नहीं खुले तो निबंधन रद्द होगा
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक रोजगार सृजन के लिए आतंरिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल होगा. मुख्यमंत्री ने रांची में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उद्योग धंधों में 75 फीसदी स्थानीय को रोजगार देने का प्रयास होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाखों प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी. खासकर उनको रोजगार देना सबसे बड़ा चैलेंज होगा. इस वजह से अभी से ही इस दिशा में कार्ययोजना तैयार की जा रही है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए अलग-अलग वृहद कार्ययोजना बनाई जा रही है.
राज्य के सभी उद्योग-धंधों का आकलन किया जा रहा है. इन उद्योग धंधों में लगभग 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठाएगी. सरकार की कोशिश यही है कि राज्य की आंतरिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल हो, ताकि ना सिर्फ यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि दूसरे प्रदेशों के लोग भी यहां रोजगार करने के लिए आ सकेंगे.
मनरेगा का बढ़ेगा बजट, जिनका जॉब कार्ड नहीं ,उनका भी बनेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में मजदूरों के वापस लौटने पर उनके सामने रोजगार सबसे बड़ी समस्या होगी. ऐसे में इन मजदूरों को उनके घर पर ही रोजगार देने के लिए सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई है. इसके तहत मनरेगा का बजट बढ़ाया जाएगा. इसमें नई योजनाओं को शामिल किया जाएगा और मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा जाएगा.
ई-संजीवनी व्यवस्था शुरू, मरीजों को मिलेगा परामर्श
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा दूसरे बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज को लेकर सरकार गंभीर है. इस सिलसिले में टेलीमेडिसीन की सुविधा शुरू की जा रही है और ई-संजीवनी की शुरूआत भी हो चुकी है. मरीज इसके माध्यम से स्वास्थ्य परामर्श विशेषज्ञ डॉक्टरों से ले सकते हैं.
निजी अस्पताल नहीं खुले तो निबंधन रद्द होगा
मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि अभी भी ज्यादा निजी अस्पताल और नर्सिंग होम बंद हैं. इस कारण दूसरे रोगों के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. इस बाबत निजी अस्पताल के संचालकों को चेतावनी दी गई है कि वे अपने अस्पताल को खोलें, वरना उनका निबंधन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.