करगिल की जंग के 20 साल पूरे होने पर भारतीय वायु सेना के चीफ बीएस धनोआ ने पाकिस्तान को इशारों में ही चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा करगिल होता है तो हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मंगलवार को उन्होंने साफ कहा कि सभी अच्छे जनरलों की तरह हम आखिरी जंग लड़ने के लिए तैयार हैं। उनका इशारा साफ है कि अब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने कोई हरकत की तो उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
नई दिल्ली में ‘ऑपरेशन सफेद सागर के 20 साल’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए धनोआ ने कहा कि करगिल जैसा संघर्ष हो, आतंकी हमले का जवाब या फिर ऑल-आउट वॉर हो, किसी भी प्रकार की लड़ाई के लिए भारतीय वायु सेना तैयार है। गौरतलब है कि करगिल संघर्ष के दौरान धनोआ 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे और श्रीनगर से ऑपरेट कर रहे थे।
उन्होंने उस समय के हवाई ऐक्शन को याद करते हुए बताया कि यह पहली बार था जब मिग-21 एयरक्राफ्ट ने पहाड़ों पर रात में बमबारी की थी। ऑपरेशन विजय के दौरान करगिल में घुसे घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए एयर फोर्स ने ऑपरेशन सफेद सागर चलाया था। उन्होंने 1999 में मौजूद ऑपरेशनल सीमाओं के अलावा संघर्ष के दौरान परेशानियों को कम करने के लिए IAF द्वारा उठाए गए इनोवेटिव तरीकों की भी चर्चा की।
आपको बता दें कि एयरफोर्स चीफ ने ऐसे समय में पाकिस्तान को आगाह किया है जब पांच महीने तक हवाई क्षेत्र को बंद रखने के बाद कुछ घंटे पहले ही पड़ोसी मुल्क ने पाबंदी हटाई है। धनोआ ने कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो हम हर मौसम में यहां तक कि आसमान में बादल छाए रहने पर भी बिल्कुल सटीक बमबारी कर सकते हैं। हम 26 फरवरी को ऐसा ही एक हमला (बालाकोट स्ट्राइक) देख चुके हैं, जो दूर से ही बिल्कुल सटीक हमला करने की हमारी ताकत को दर्शाता है।’
हाफिज सईद पर पाक के ढुलमुल रवैये ने खोल दी है उसकी पोल
हाल ही में FATF से फटकार के बाद पाकिस्तान ने अपने यहां छिपे मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर कार्रवाई की थी लेकिन यह भी सिर्फ पाकिस्तान का दिखावा साबित हुआ है. देश इस वक्त करगिल की लड़ाई और उसमें काम आए जांबाज भारतीय सैनिकों की 20वीं बरसी पर उन्हें याद कर रहा है. ऐसे में भारतीय वायुसेना प्रमुख का यह बयान पाकिस्तान को भारत की ओर से साफ संदेश है.
इस लड़ाई की शुरुआत तब हुई थी जब पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे. भारत ने पाकिस्तान के साथ इस लड़ाई में उनके 2700 से ज्यादा सैनिकों को ढेर कर दिया था. इस लड़ाई में भारत के 527 जवान शहीद हुए थे. आखिरी दौर में जब भारत से जीत के कोई आसार न रह गए तो तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने भारत पर परमाणु हमले की बात भी सोची थी लेकिन भारत की एडवांस परमाणु क्षमता से वो डर गए थे.
धनोआ ने कहा, भारत के ऑपरेशन में मौसम नहीं बनेगा बाधा
भारतीय वायुसेना के प्रमुख बीएस धनोआ ने यह भी कहा है कि अगर जरूरत पड़ती है तो हम किसी भी मौसम में (पाकिस्तान में) सटीकता से बम गिरा सकते हैं, चाहे कितने भी बादल हों. हमने 26 फरवरी को एक हमला (बालाकोट एयरस्ट्राइक) किया था और हम काफी दूरी से ही बिल्कुल सटीक स्ट्राइक करने की क्षमता रखते हैं.