रांची: वाणिज्य और प्रबंधन में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा पर आयोजित किया गया है. सत्र को ARISCOM लर्निंग नेटवर्क के संस्थापक, महासचिव प्रो चिनमॉय कुमार द्वारा लिया गया. प्रो. चिन्मोय कुमार ने डिजिटल शिक्षा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया और बताया कि एक डिजिटल साक्षर नागरिक अपने सीखने की जिम्मेदारी लेने और सीखने में सक्षम है, इसलिए इससे शिक्षा की अधिक मांग होती है और अधिक उपकरणों की आवश्यकता महसूस होती है. उन्होंने डिजिटल शिक्षा के महत्व के प्रति पाठकों और छात्रों का ध्यान आकर्षित किया और आगे बताया कि डिजिटल शिक्षा ने हमारे जीवन को बहुत आसान, बहुपयोगी और बहुत आरामदायक बना दिया है.
कोरोना वायरस महामारी संक्रमण के दौरान कई देशों के लिए ऑनलाइन सीखने का प्रावधान एक पसंदीदा रणनीति के रूप में उभरा है. डिजिटल वातावरण में छात्र अपने विचारों और अनुभवों को साझा कर सकते हैं और अन्य छात्रों और शिक्षकों की मदद ले सकते हैं. डिजिटल कक्षा में इलेक्ट्रॉनिक समर्थित शिक्षण और शिक्षण के सभी प्रकार शामिल हैं.
उन्होंने आगे बताया कि डिजिटल शिक्षा मशीनों या सॉफ्टवेयर द्वारा प्रदर्शित शिक्षा है. उन्होंने सभी स्टाफ सदस्यों और छात्रों को डिजिटल शिक्षा के महत्व पर अधिक से अधिक तकनीकी सत्रों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में डिजिटल शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है.
प्रो कुमार ने डिजिटल शिक्षा के महत्व पर सभी को शोध पत्र लिखने के लिए भी प्रेरित किया.सत्र बहुत इंटरैक्टिव और सूचनात्मक था. तकनीकी सत्र में बड़ी संख्या में छात्रों और संकाय सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया.
सत्र शुरू करने से पहले विद्वान वक्ता का स्वागत कार्यक्रम समन्वयक प्रो अशोक अस्थाना, वाणिज्य और प्रबंधन विभाग, सरला बिड़ला यूनीवर्सिटी, रांची द्वारा किया गया. सत्र का संचालन वाणिज्य और प्रबंधन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संदीप कुमार ने किया और समापन उद्बोधन डॉ पूजा मिश्रा ने किया. सत्र का समापन प्रोफेसर करण प्रताप सिंह, एसबीयू, रांची, झारखंड द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो (डॉ ) विजय कुमार सिंह, कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रबंधक मनीष कुमार, डीन अकादमिक डॉ एस.के.सिंह, डीन आईडी और सीएस प्रो संजीव बजाज, डीएसडब्ल्यू प्रो राहुल वत्स, डॉ.संजीव कुमार सिन्हा, डॉ राधा माधब झा, डॉ पार्थ पॉल, प्रो मेघा सिन्हा, डॉ अमृता सरकार, प्रो सुभंकर घटक, डॉ संजीव कुमार, डॉ रिया मुखर्जी, प्रो अदिति सिंह, प्रो एलजी हनी सिंह ,भारद्वाज शुक्ला, दिलीप महतो, शिखा राय सहित विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित थे.