रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश में सत्त्ताधारी दल के जन प्रतिनिधि, नेता लगातार लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं और सरकार मौन साधे बैठी रहती है. ऐसा लॉकडाउन के प्रारंभ से ही हो रहा.
सरकार के एक मंत्री ने बसों में भर भर कर मजदूरों के नाम पर बांग्लादेशियों को रांची से बाहर भेजा यह सरकार मौन रही. इस मामले में न्यायालय का हस्तक्षेप राज्य सरकार की असंवैधानिक कार्यशैली को स्वतः उजागर करता है.
राज्य सरकार यह भी नहीं बता रही कि समुदाय विशेष के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर वीसा के विरुद्ध आचरण करते हुए पकड़े गए विदेशी नागरिक कहां हैं और उनपर क्या कार्रवाई हो रही? सत्ता पक्ष के एक विधायक ने तो कानून को मुट्ठी में ले लिया है.
लॉकडाउन मेंरांची से अपना क्षेत्र आना जाना उनका लगातार जारी है. भीड़ में नोट बांटकर कानून को चुनौती देने जग जाहिर है. वहीं दूसरे विधायक भी थाने में भीड़ के साथ पहुंचकर सत्ता मद दिखा चुकी है.
दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि ऐसे लोगों पर हेमंत सरकार एक छोटी कार्रवाई भी नहीं कर सकी. वहीं भाजपा के जन प्रतिनिधि को बीमार मां से मिलने की भी अनुमति नहीं दी गई. हेमंत सरकार का यह दोहरा चरित्र राज्य को भेदभाव और विद्वेष में धकेल रहा है.
प्रकाश ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, छात्रों को वापस लाने में हेमंत सरकार की टालमटोल की नीति एवम कार्यशैली से प्रदेश की जनता वाकिफ है. गृह मंत्रालय के निर्देश के बावजूद संसाधनों का रोना रोने वाले अपना पीठ थपथपाने और श्रेय लेने में जुट गए है.
प्रकाश ने कहा कि कुछ छात्र संगठन स्टेशन पर छात्रों के स्वागत का नाटक कर रहे हैं. प्रकाश ने ऐसे छात्र संगठनों से पूछा कि वे तब कहां छिपे थे जब कोरोना योद्धाओं को अपमानित किया जा रहा था. सफाई कर्मियों, एम्बुलेंस पर पत्थर फेंके जा रहे थे, उनके साथ अमर्यादित आचरण किया जा रहा था.
उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि भाजपा के युवा कार्यकर्ता भी प्रदेश के सभी जिलों में बड़ी-बड़ी भीड़ जुटाकर स्वागत कर सकते हैं, परंतु भाजपा सस्ती लोकप्रियता और नियम विरुद्ध आचरण में विश्वास नहीं करती.