चतरा: पूरे देश में लॉक डाउन लागू है. राज्य में कोई भी गरीब परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति न बने इसके लिए सरकार अग्रिम रूप में हर प्रखंड में अनाज उपलब्ध करा रही हैं. लेकिन इसे गरीबों के बीच वितरण न कर गोदाम माफिया की मिलगत से रविवार की शाम कुंदा स्थित गोदाम से 40 बोड़ा चावल कालाबजारी करने के उद्देश्य बड़े पैमाने पर अनाज ट्रैक्टर में लाद कर ले जाया जा रहा था. इसकी भनक लगते ही ग्रामीण व मुखिया के सहयोग से ट्रैक्टर को रास्ते मे रोकने का प्रयास किया गया. लेकिन ट्रैक्टर पर बैठे डोर टू स्टेप डिलेवरी के संचालक अरविंद कुमार उर्फ भोला और ड्राइवर बंधन गंझू ने ट्रैक्टर नहीं रोका. चावल को छिपाने के उद्देश्य से ट्रैक्टर को अरविंद कुमार द्वारा मेदवाडीह गांव स्थित अपने भाई पारा शिक्षक आशीष यादव के घर में रख दिया गया.
मुखिया रेखा देवी, मुखिया पति लवकुश गुप्ता, झारखंड सरकार के खाद्य सुरक्षा निगरानी समिति के पवन गुप्ता, जितेंद्र कुमार उक्त स्थल पर पहुंच कर संबंधित पदाधिकारियों को सूचित किया गया.
विलंब से आई पुलिस
चावल कालाबजारी की सूचना कुंदा थाना दी गई जिसके दो घंटे बाद पुलिस उक्त स्थल पर पहुंची. लेकिन कालाबजारी के चावल को जब्त करने से इंकार कर प्रशासन की टीम वापस चली गई. पुलिस ने कहा कि चावल जब्त करने की जिमेवारी पुलिस की नहीं है. ,इसके लिए मजिस्ट्रेट को सूचना देकर बुलाइये .
कैसे लगेगी चावल कलाबजारी पर रो : मुखिया
चावल कालाबजारी के मामलें पर मुखिया रेखा देवी ने कहा की बड़े पैमाने पर 40 कट्टा चावल की कालाबजारी पकड़ी गई लेकिन प्रशासन को सूचित करने के बाद भी कोई कारवाई नहीं हुई. जो दुर्भाग्यपूर्ण है. चावल कालाबजारी की सूचना सर्व प्रथम कुंदा थाना, माननीय उपायुक्त महोदय, डीएसओ, सिमरिया एसडीपीओ को दिया गया. उसके बाद भी किसी ने इस मामले को गम्भीरता से नहीं लिया. इससे पूर्व भी मार्च माह में आदिम जनजाति परिवारों के बीच अग्रिम चावल 70 किलों देने के बजाय मात्र 60 किलों चावल दिया जा रहा था. इस मामले में कई दैनिक अखबार व टीवी चैनल के माध्यम से कालाबाजारी को सार्वजनिक किया गया लेकिन किसी प्रकार की कोई विभागीय कारवाई नहीं हुई. सभी मामले का वीडियो और ग्रामीणों की शिकायत सबूत के तौर पर मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी.