नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संकट के बीच आज (7 मई) आयुष मंत्रालय भी आयुर्वेद की दवाइयों का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत का आयुष, स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत CSIR, ICMR के तकनीकी समर्थन के साथ आयुष की कुछ दवाईयों के बारे में व्यापक क्लीनिकल ट्रायल आज शुरू हो रहे हैं, उन लोगों पर जो हाई रिस्क में काम कर रहे हैं.
वहीं, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और CSIR के साथ मिलकर तीन तरह की स्टडी की गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर माध्यम से अश्वगंधा, यष्टिमधु (मुलेठी), गुडूची, पीपली और एक पॉली हर्बल फॉर्मूला (आयुष -64) पर काम किया जाएगा. इन दवाओं के परीक्षण की आज से शुरुआत हो गई है.” ये वही चार दवाएं हैं, जिनपर ट्रायल शुरू किया जा रहा है.
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा है कि ‘चार दवाइयों पर देशभर में ट्रायल शुरू कर रहे हैं. बहुत बड़े सैंपल साइज पर हम स्टडी कर रहे हैं. जो क्वारंटाइन में हैं या हाई रिस्क पापुलेशन है. इसमें सैंपल साइज 5 लाख का है. चारों दवाई आयुर्वेद की हैं.’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, आयुर्वेद की जो अंतर्निहित ताकत है उसका वास्तविक इस्तेमाल जो देश, दुनिया के लिए होना चाहिए वो शायद हो नहीं पाता है. देश, दुनिया के सामने आयुर्वेद की श्रेष्ठता को हम मॉडर्न वैज्ञानिक तरीके से सिद्ध करके प्रस्तुत करेंगे.