धनबाद: डॉ एन के सिंह ने कहा कि एक रिसर्च के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए इस वर्ष 2019 में एक नई आशा की किरण जगी है. पहले जहा यह माना जाता रहा है कि किसी व्यक्ति को अगर डायबिटीज है तो वह कभी ठीक नहीं होगा जबकि साइंस के नए रिसर्च से यह पता चला है कि 800 कैलोरी डायट के द्वारा खत्म करके 7 से 10 केजी वजन घटाने एवं इसे मेनटेन रखने से डायबिटीज टाइप 2 को पूर्णतः खत्म किया जा सकता है.
रिसर्च सोसाइटी फ़ॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (झारखण्ड चेप्टर ) के चेयरमैन एवं दाग के संस्थापक डॉ एनके सिंह मंगलवार को पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे. मौके पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ लीना सिंह, धीरज शर्मा, रमेश गांधी, रवि श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.
डॉ एनके सिंह ने बताया डायबिटीज होने पर ह्रदय और किडनी फेल होने के चांसेस बढ़ जाते है. इस वर्ष उपलब्ध की गई दवाएं डायाग्लिफोजीन, एसजीएलटी 2 बेहद कारगर है. इसके सेवन से ह्रदय और किडनी फेल का खतरा कम होता है और साथ ही मरीज की उम्र को 15 साल तक बढ़ाती है.
उन्होंने बताया वर्ष 2020 में सेमाग्लूटाइज टेबलेट भारत मे उपलब्ध हो जाएगा. यह दवा एक ओर सुगर को घटाती है तथा ह्रदय एवं किडनी को डायबिटीज के खतरे से भी बचाती है. इससे वजन भी 5 से 7 केजी घट सकता है.
डॉ सिंह ने यह भी कहा कि डायबिटीज आज एक महामारी की तरह फैल रहा है. 20 से 30 साल के युवाओं में डायबिटीज पाया जा रहा है. शहरी क्षेत्र में 25 से 30 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 8 से 12 प्रतिशत तक इसकी चपेट में आ रहे है. गांव में पैदल चलने की आदत और खेतों में काम करने की वजह से भले ही शहर की अपेक्षा डायबिटीज के मरीज कम है पर वहां भी युवा इस बीमारी से ग्रसित हो रहे है. इसकी वजह खानपान का अभाव एवं व्यायाम की कमी नही हो सकती.
ऑर्गनिक पॉल्यूशन इसका कारण हो सकता है. वायु प्रदूषण एक बड़ा कारण तो है ही साथ में ऑर्गनिक पॉल्यूशन (कीटनाशक) में प्रयुक्त हो रहे है. वह भोजन में शामिल होकर शरीर के पेनक्रियाज ग्रन्थि के बीटा सेल को इन्सुलिन बनाने नही देते है और इन्सुलिन की नाकामी की वजह से डायबिटीज रोग पैदा होती है.
साइंस में इस बात के पुख्ता सबूत मिल चुके है. वायु प्रदूषण के साथ साथ ध्वनि प्रदूषण भी डायबिटीज होने के कारण हो सकते है. नए रिसर्च से यह पता चलता है. डीजे का अत्यधिक साउंड, वाहनों के हार्न नॉइज पॉल्यूशन पैदा कर रही है. सीमा से अधिक ध्वनि होने पर एक व्यक्ति में तनाव का विकास होता है और फिर वह डायबिटीज होने की सम्भावनाओ को बढ़ा देती है.
खाना खाने के बाद सुगर लेवल 140 और फास्टिंग में 110 तक ही सुगर लेवल को सही माना जाता है. इसके ऊपर होने पर यह मान सकते है कि डायबिटीज अपने पहले चरण में पहुंच चुका है. ऐसा होने पर व्यक्ति को नियमित व्यायाम और खानपान में पहरेज शुरू कर देना चाहिए.
डायबिटीज के मरीज तथा निरोगी दोनों के लिए फल एवं सब्जियों के छिलके हटाकर खाना लाभदायक है. फल सब्जियों को खाने से पहले पानी मे नमक डालकर तीन मिनट तक रखना जरूरी है. इससे फलो और सब्जियों में रासायनिक पदार्थ मर जाते है. ऑर्गनिक फूड या लोकल ग्राउंड फूड का इस्तेमाल लाभकारी है.
खाने में सभी तरह के नट्स, अनार, संतरा, शकरकंद, बीन्स, बीट, भुनी हुई तीसी, मैथी लाभकारी है. प्रतिदिन एक घण्टे पैदल चलना डायबिटीज के मरीज के लिए आवश्यक है. सूर्य नमस्कार की छह और बारह राउंड की विधि में योगा करना अब साइंस में भी लाभकारी माना जाने लगा है.