चतरा: केंद्र और राज्य सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना चलाकर भले ही बेटियों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लाख दावे कर ले. लेकिन धरातल पर स्थिति विपरीत है. आज मामूली इलाज के अभाव में ना सिर्फ एक मासूम बच्ची आज जिंदगी और मौत के बीच दर्द से कराह रही है बल्कि मसीहा के इंतजार में अपनी मौत का भी इंतजार कर रही है.
एनटीपीसी के ट्रांसमिशन लाइन के चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलसी बच्ची का ना तो अब तक एनटीपीसी ने सुध लिया है और ना ही किसी अन्य सरकारी गैर सरकारी संस्था ने. ऐसे में एनटीपीसी के विस्थापित गांव की नौवीं कक्षा की छात्रा जासो कुमारी अपने ही घर के एक कोने मे छोटी सी चारपाई मे पड़ी जख्म के दर्द से कराह रही है. यह दर्द भरी दास्तां टंडवा प्रखंड मुख्यालय के लरंगा गांव की रहने वाली नौवीं कक्षा की छात्रा जासो कुमारी की है.
उलेखनीय है कि थाना क्षेत्र के टंडवा रांची मुख्य सड़क पर स्थित लरंगा गांव की जासो कुमारी अपनी अन्य सहेलियों के साथ बीते 27 जून को गांव से सटे कोहबरवा चतरी जंगल स्थित पहाड़ियो मे फुटको (खुखड़ी) चुनने गई थी. इसी बीच पहाड़ के उपर नजदीक से गुजरी हाई टेंशन तार के चपेट मे कांती कुमारी, जासो कुमारी तथा बसंती कुमारी आ गई थी. जिससे कांती की मौत घटना स्थल पर ही हो थी. वहीं जासो कुमारी व मृतिका की सगी बहन बंसती गंभीर रुप से घायल हो गई.
घटना के बाद गंभीर रुप से घायल जासो को सदर अस्पताल हजारी बाग भेजा गया. पर वहां भी कोरोना काल मे उसे सही इलाज नहीं मिला उसके पिता की आर्थिक स्थिति वैसी नही जो अपनी बेटी की इलाज अच्छे अस्पताल मे करा सके. घायल छात्रा जासो के सहयोग के लिए अब तक किसी का हाथ आगे नही बढ़ा है. इधर घायल जासो के परिजन ने उपायुक्त को इस ओर ध्यानाकृष्ट कराते हुए सरकारी मदद करने की अपील किया है. ताकि गरीब छात्रा का सही इलाज किया जा सकती. बिजली के चपेट मे आई जासो की स्थिति इसी से लगाया जा सकता है कि वह बिस्तर से एक बार पलट भी नही सकती. आर्थिक तंगी के बाद अस्पताल से घर आई जासो हमेशा पेट के बल सोई रहती है.
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के एनटीपीसी पावर प्लांट तक गई 132 केवी डीसी ट्रांसमिशन लाइन लगाने में लापरवाही के कारण लरंगा गांव की कांती कुमारी की जान चली गई. बताया गया कि डीवीसी के नॉर्थ करणपुरा के पिपरवार स्थित सब स्टेशन से एनटीपीसी प्लांट में प्रयोजनार्थ टावर के माध्यम से बिजली लाई गई है.
जिसे राहम पंचायत अंतर्गत लरंगा के संरक्षित वन क्षेत्र स्थित टावर संख्या 50 से 61 के बीच झूल रहे तार के चपेट में आने से कांती की मौत के बाद ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए डीवीसी पर तार लगाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि डीवीसी द्वारा प्रावधान के अनुरुप लाइन के देख रेख को लेकर कर्मी को भी नहीं लगाया गया है.
जिससे वन्य जीव के साथ साथ आसपास में निवास कर रहे लोगों पर खतरा मंडरा रहा रहा है. वहीं दूसरी ओर सिमरिया विधायक किशुन दास ने उक्त बच्ची के समुचित इलाज कराए जाने की बात कही है.