चतरा: चतरा में वैश्विक महामारी कोरोना जांच में स्वास्थ विभाग की लापरवाही ने पुलिस को परेशान कर रखा है. जितनी मशक्कत पुलिस को अपराधियों को पकड़ने में करनी पड़ रही है, उससे दुगनी मशक्कत उन्हें सलाखों के पीछे भेजने में करना पड़ता है.
बावजूद तमाम न्यायिक व कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद भी वह चार-चार दिनों तक अपराधियों को थाने में रखने को मजबूर हैं. दरअसल गिरफ्तार अपराधियों को जेल भेजने से पूर्व अब पुलिस को उनका कोरोना जांच कराना पड़ता है. बगैर कोरोना जांच मंडल कारा में ना तो पुलिसकर्मियों को एंट्री मिलती है और ना ही अपराधियों को जेल प्रबंधन अपने कब्जे में लेता है.
ऐसे में परेशान और हलकान विभिन्न थानों की पुलिस अपराधियों को लेकर अस्पताल का चक्कर काटते नजर आते हैं. दरअसल यह स्थिति जिले में कोरोना जांच की गति बेहद धीमी रहने के कारण उत्पन्न हुई है.
यहां जिला अस्पताल में ही एकमात्र कोरोना जांच कीट की व्यवस्था की गई है. लेकिन आए दिन सदर अस्पताल में भी कीट की कमी रहती है. जिससे पुलिस कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों को भी कोरोना जांच प्रक्रिया से गुजरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल चतरा सदर थाना पुलिस के अलावे जिले की हंटरगंज, लावालौंग और प्रतापपुर थाना पुलिस ने कई अपराधियों, नक्सलियों और लुटेरों को गिरफ्तार किया है.
जिन्हें जेल भेजने के लिए लगातार गिरफ्त में आए अपराधियों को लेकर सदर अस्पताल का चक्कर काट रही है. यही हाल मंडल कारा का भी है. जहां बीमार कैदियों को इलाज के बजाए दूसरे बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा है.