-किसान विरोधी बिल एवं मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर उपवास करते संजय केसरी सहित अन्य लोग
मुंगेर: अंबानी के बिग बाजार खरीदते ही किसान विरोधी बिल लाकर आलू-प्याज, अनाज, दलहन और तिलहन को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर करना संयोग है या प्रयोग?
उपर्युक्त बातें एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केशरी ने अपने आवासीय परिसर में एनसीपी कार्यकर्ताओं के साथ एकदिवसीय उपवास-सत्याग्रह करते हुए कहा. केशरी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि किसान विरोधी कृषि बिल से छोटे-छोटे और मंझोले किसान अपने ही पुश्तैनी खेतों में खेतिहर मजदूर बन जायेंगे.
छात्र एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सोमवंशी ने कहा कि इस बिल में सबसे खतरनाक बात यह है कि किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट भी नहीं जा सकेंगे.
मनोरंजन सिंह ने कहा कि किसान विरोधी बिल पास होने से अपने फसलों की कीमत किसान नहीं बल्कि बहुराष्ट्रीय कंपनी तय करेंगे. प्रदेश महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि सूरमा भोपाली नीतीश कुमार ने तो 2006 से ही किसानों का शोषण शुरू कर दिया था जिससे बिहार में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलना बंद हो गया.
एकदिवसीय उपवास-सत्याग्रह कार्यक्रम में वरीय नेता अजय प्रसाद सिंह, आजाद शर्मा, अखिलेश्वर गुप्ता, प्रमोद शर्मा, शंकर यादव, मो. शमशेर एवं सोनू सिन्हा सहित अन्य लोग शामिल थे.