हर संभव मदद के लिए किये जा रहे जरूरी उपाय करने का निर्देश
मेदिनीनगर: पलामू उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 संशोधित अधिनियम 2016 के द्वारा जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक हुई. बैठक में अधिनियम के तहत मामलों की चर्चा हुई. इसमें 20 मामलों के लिए राशि भुगतान की स्वीकृति दी गयी.
जिले के विभिन्न थानों में दर्ज कांड एवं पुलिस प्रशासन की अनुशंसा प्राप्त मामलों को बैठक में रखा गया था, जिसमें राशि भुगतान हेतु स्वीकृति प्रदान करते हुए पीड़ितों के बीच भुगतान करने का निर्णय लिया गया. जिन 20 मामलों में राशि भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई, उसमें जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने, मारपीट करने एवं गाली-गलौज करने आदि से संबंधित था.
इससे संबंधित जिले के विभिन्न थानों में कांड दर्ज कर अनुसंधान की गई थी. जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि 20 पीड़ित- पीड़िताओं के बीच 5 लाख 50 हजार रूपये की राशि भुगतान की स्वीकृति मिली है. निदेशानुसार स्वीकृत राशि लाभुकों के बीच शीघ्र भुगतान की जायेगी.
उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार और भेदभाव को रोकने के मकसद से अधिनियम बनाया गया. इसके तहत इन लोगों को समाज में एक समान दर्जा दिलाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं और इनके हर संभव मदद के लिए जरूरी उपाय किए गए हैं. इनपर होने वाले अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि वे अपनी बात खुल कर रख सकें.
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से भिन्न कोई व्यक्ति अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित किसी व्यक्ति के साथ कोई अत्याचार करता है तो उस मामले में कार्रवाई की जाती है. इसके लिए मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर ) दायर करना अनिवार्य होता है, क्योंकि न्याय-राहत की प्रक्रिया पुलिस स्टेशन में अपराध का पंजीकरण करने के साथ ही शुरू होती है.
बैठक में उपायुक्त शशि रंजन के अलावा उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर, सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ केनेडी, जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार, सदर एसडीओ अजय सिंह बड़ाइक, डीएसपी सुरजीत कुमार, अधिवक्ता अनिल पांडेय, विशेष लोक अभियोजक श्याम नारायण राम आदि उपस्थित थे.