जमशेदपुर :- लोहनगरी जमशेदपुर मजदूरों का शहर है. मजदूरों के शहर में अगर मजदूरों का ही शोषण होगा तो साशन- प्रशासन पर सवाल उठना लाजिमी है. वैसे ताजा मामला पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ स्थित मोहलीशोल में हरिओम मेटेलर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का है, जहां बीते 18 सालों से करीब पौने तीन सौ मजदूर पीएफ, ईएसआईसी, वर्दी और न्यूनतम वेतनमान के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं.
आलम ये है कि विगत कई महीनों से मजदूरों को वेतन भी नहीं मिल रहा है. जिससे इन मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया और कंपनी गेट पर ही मजदूर घरने पर बैट गए. आपको बता दें धालभूमगढ़ स्थित मोहलीशोल में हरिओम मेटेलर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पौने तीन सौ मजदूर को 18 साल में पीएफ का पैसा जमा नहीं हुआ जिसका विरोध में मजदूरों ने कंपनी गेट जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया. फिलहाल मजदूरों का आंदोलन जारी है. वहीं कंपनी के अधिकारियों ने बिजली का करोड़ों रुपया बकाया हो जाने के कारण कंपनी में ताला लगा दिया. मामला डीएलसी के पास चल रही है.
डीएलसी ने इन्हें वार्ता के लिए सोमवार को बुलाया मगर यहां भी इन्हें निराशा ही हाथ लगी औऱ केवल एक माह का वेतन देने की बात कंपनी प्रबंधन की ओर से की गई. जिसका मजदूरों ने विरोध कर अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही. वैसे मजदूरों ने साफ कर दिया है, कि सिर्फ वेतन देने से नहीं होगा 18 साल मजदूरों को 12 घंटा काम कराया गया और पीएफ का पैसा भी नहीं मिला.
मजदूरों का कहना है जब तक पीएफ का पैसा और वेतन नहीं मिलेगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. वैसे बड़ा सवाल ये हैं, कि आखिर मजदूरों के शहर में मजदूरों की इस दुर्दशा के लिए आखिर कौन जिम्मेवार है ? बड़ा सवाल यह है कि अब इन मजदूरों को कौन दिलाएगी इनका हक?