रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार अपना कुछ नया नहीं कर पा रही है लेकिन पुरानी सरकार के कार्य के लिए खुद की पीठ जरूर थपथपा रही है. प्रतुल ने कहा कि गैर मजरुआ जमीन के रसीद काटने का निर्णय पूर्व की रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के समय लिया गया था.
3 जुलाई 2018 को राज्य कैबिनेट ने यह निर्णय लिया था की सालों से रह रहे या खेती कर रहे व्यक्तियों की गैर मजरुआ जमीन की रसीद कटेगी. उस समय बहुत लोग के पास खतियान या तो नहीं था या जर्जर अवस्था में थे जिसके कारण डिजिटलाइजेशन का कार्य नहीं हो पाया. इसके कारण कई लोगों की रसीद नहीं कट पाई.
11 जून 2019 को राज्य कैबिनेट की बैठक में रसीद काटने में आ रही परेशानियों के मद्देनजर NIC के सॉफ्टवेयर में अपेक्षित संशोधन करने का निर्देश दिया गया. 18 जुलाई 2019 को सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर राजस्व शिविर लगाकर गैरमजरूआ जमीन की रसीद काटने का निर्देश दिया गया. यह कार्य प्रारंभ हुआ लेकिन कुछ ही समय के बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गई जिसके कारण इसे रोकना पड़ा.
प्रतुल ने कहा कि यह भाजपा सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय था जिसका क्रेडिट आज जबरन गठबंधन सरकार लेने की कोशिश कर रही है.