खास बातें
- वर्तमान पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पीके वर्मा भी पांच साल तक रहे हैं जैविक उद्यान के निदेशक
- जू ऑथिरिटी ऑफ इंडिया ने जानवरों की तस्करी की जांच करने का दिया था आदेश
- विधानसभा में भी उठ चुका है सवाल, जैविक उद्यान में कुप्रबंधन व अव्यस्थित सुरक्षा की स्थिति
रांचीः ओरमांझी जैविक उद्यान के कुप्रबंधन पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. जू ऑथिरिटी ऑफ इंडिया में की गई शिकायत के बाद जैविक उद्यान में कई तरह के जांच के आदेश दिए गए थे, जिसमें वाइल्ड लाइफ विंग ने लीपापोती कर द.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जैविक उद्यान ने निदेशक का फुल टाइमर होना जरूरी ह. जबकि वर्तमान में निदेशक अतिरिक्त प्रभार में है. बोकारो के आरसीसीएफ वेंकेटेश्वर लू ओरमांझी जैविक उद्यान के अतिरिक्त प्रभार में हैं. इससे पहले वाइल्ड लाइफ विंग ने जैविक उद्यान में एसीएफ रहे पीके अग्रवाल को हटाकर ट्रेनिंग में भेज दिया था.
जनवरों की तस्करी का मामला भी
जू ऑथिरिटी ऑफ इंडिया ने जैविक उद्यान में हो रहे जानवरों के अंगों की तस्करी की भी जांच का आदेश दिया था, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जानबूझ कर उद्यान में निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
इस साल कुप्रबंधन के कारण कई हाथी भी मौत के शिकार हो गए. वहीं पीटीआर में बाघिन की मौत पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
जू के डॉ. के खिलाफ भी शिकायत
ओरमांझी जैविक उद्यान के चिकित्सक डॉ अजय कुमार के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं. लगभग दो साल पहले कुप्रबंधन के कारण जू के हाथी ने वहां के कर्मी महेंद्र को कुचल कर मार डाला था. इस मामले को भी विधानसभा में रखा गया था. इस पर जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन अब तक इसकी पूरी जांच नहीं हो पाई है.
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