जमशेदपुर: जुगसलाई थाना क्षेत्र निवासी दिलीप रजक बीते 31 दिसंबर से गायब था. रविवार रात को उनके परिजनों को गुमशुदा का शव टाटा मुख्य अस्पताल में होने की सुचना मिली. जिसके बाद सोमवार को परिजनों तथा रजक समाज के लोगों ने अस्पताल में जोरदार हंगामा किया.
इस दौरान रजक समाज के केंद्रीय अध्यक्ष भी मौके पर पहुंचे और मामले में सीधे तौर पर प्रशासन की लापरवाही बताई. उन्होंने कहा की 31 दिसंबर का रात से दिलीप गोराई गायब है और पुलिस के द्वारा कहा जा रहा है कि दुर्घटना के बाद गुमशुदा को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जबकि टाटा मुख्य अस्पताल में बिना फ़ीस के किसी को भर्ती नहीं लिया जाता है. इसके बाद रविवार को रात के वक्त अस्पताल से दिलीप गोराई के परिजनों को सूचना दी जाती है कि वे आकर शव को लेकर जाए.
इन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन या पुलिस दोनों में से कोई भी भर्ती करवाने वाले की जानकारी परिजनों को नहीं दे रही है जो किसी साजिश की ओर इशारा करती है. अस्पताल परिसर में इनके द्वारा प्रदर्शन के उपरांत भर्ती करने वाले की जानकारी साथ ही मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है.
इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व सांसद सुमन महतो, समाज के अध्यक्ष अजय रजक के अलावा काफी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.