बजट तैयार करने के उपक्रम को तर्कसंगत बनाने का सुझाव
रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार को भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के वर्ष 2017-18 के सामान्य, सामाजिक एवं आर्थिक प्रक्षेत्रों का प्रतिवेदन ,राजस्व क्षेत्र का प्रतिवेदन ,लेखा वित्त परीक्षा प्रतिवेदन और वर्ष 2018-19 के राज्य वित्त लेखा परीक्षक प्रतिवेदन को सभा पटल पर रखा गया.
कैग रिपोर्ट में वर्ष 2017-18 में राज्य सरकार द्वारा सृजित कर राजस्व में 7.11प्रतिशत कमी और इसी अवधि में गैर-कर राजस्व में 46.63 प्रतिशत की वृद्धि होने की बात सामने आयी है. वहीं बिक्री, व्यापारपर कर, वाहनों पर कर और राज्य उत्पाद शुल्क की बकाया राजस्व 31 मार्च 2018 तक 6355.57 करोड़ थी, जिसमें से 1824.43 करोड़ पांच वर्षां से अधिक समय से बकाया रहने की बात भी सामने आयी.
रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में 1494.39 करोड़ बैंक खातों में 31 मार्च 2018 तक चयनित जिले में पड़े रहने और भूमि अर्जन से संबंधित धनराशि रखने के लिए अधिक बैंक खाता खोलने समेत कई गड़बड़ियां उजागर हुई है.