जमशेदपुर: चाईबासा विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के दीपक की लौ बुझाकर भाजपा की ज्योति जलाने में तुबिद लगे हुए हैं. इस सीट पर पिछली बार की तरह झामुमो और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला है. दोनों की दलों ने अपने पूर्व प्रत्याशी पर भरोसा जताया है.
झामुमो ने विधायक दीपक बिरुआ को टिकट दिया है. भाजपा ने पूर्व आईएएस और पार्टी प्रवक्ता जेबी तुबिद को उतारा है.
दीपक अपने कार्यकाल में किये कार्य और जनता से संपर्क में रहने की वजह से जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में है. हारने के बाद तुबिद लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे. जनता के दुख-दर्द को साझा करते रहे. इसके मद्देनजर विजय रथ निकालने के तैयारी में लगे हैं.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीती-
चाईबासा लोकसभा में कांग्रेस की गीता कोड़ा ने जीत दर्ज की थी. उसने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को लगभग 72 हजार मतों से हराया था. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर विधानसभा सीट आते हैं.
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 5 सीटों (सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर) और निर्दलीय प्रत्याशी ने एक सीट (जगन्नाथपुर) पर जीत दर्ज की थी.
ये प्रत्याशी हैं मैदान में-
झामुमो से दीपक बिरूवा, भाजपा से जेबी तुबिद, झाविमो से जिला परिषद की उपाध्यक्ष और कांग्रेस की नेत्री रहीं चांदमनी बलमुचू, जेडीयू से बिमल कुमार सुंबरई, तृणमूल कांग्रेस से तुरम बिरुली, भारतीय आजाद सेना के बुढान बरी, आम आदमी पार्टी की पुष्पा सहित अन्य.
अब तक के विधायक-
सुखदेव माझी 1957 में विधायक बनें. बागुन सुंबरई 1967, 1969 और 1972 में जीते. बागुन सुंबरुई की पत्नी मुक्तिदानी सुंबरुई 1977 और 1980 में विधायक चुनी गयी. 1985 में भाजपा के राधे मुंडा और 1990 में झामुमो के खाता हीबर गुड़िया ने जीत दर्ज की.
1995 में जवाहर लाल बानरा भाजपा के टिकट पर जीते. फिर बागुन सुंबरई 2000 में कांग्रेस से विधायक चुने गये. 2005 में पुतकर हेंब्रम भाजपा से विधायक बने. 2009 और 2014 में झामुमो से दीपक बिरुआ विधायक चुने गये.