जोधपुर: राजस्थान के कोटा का जेके लोन अस्पताल लगातार चर्चा में बना हुआ है. इसके साथ जोधपुर और बीकानेर में भी बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. बेहतर इलाज और सुविधाओं के अभाव में जोधपुर के डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में महीनेभर में 102 नवजात समेत 146 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं कोटा में 110, बीकानेर में 162 और बूंदी में 10 मासूम जिंदगी की जंग हार चुके हैं. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है. मेडिकल कॉलेज के अधिकारी इन मौतों को सामान्य बता रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री गहलोत जोधपुर में बच्चों की मौत के सवाल को अनसुना कर गए.
कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 110 हुआ
कोटा के जेके लोन अस्पताल में शनिवार रात तक चार और नवजातों ने दम तोड़ दिया. यहां 36 दिन में 110 बच्चों की मौत हो चुकी है.
सीएम गहलोत के गृहनगर जोधपुर में 146 मासूमों की मौत
जोधपुर के अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार अकेले दिसंबर, 2019 में 146 बच्चों की मौत रिकॉर्ड हुई है. राजस्थान के जोधपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग ने पिछले महीने हर दिन लगभग पांच बच्चों की मौत दर्ज की गई. कोटा में शिशुओं की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज द्वारा तैयार रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
मेडिकल कॉलेज मथुरा दास माथुर अस्पताल और उमेद अस्पताल में बाल रोग विभाग संचालित करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों के मरने की संख्या इसलिए ज्यादा है क्योंकि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. अकेले 2019 में 754 बच्चों की मौत हुई है यानी हर महीने औसतन 63 बच्चों ने दम तोड़ा. हालांकि अचानक दिसंबर में बच्चों की मौत का आंकड़ा 146 तक बढ़ गया है.
बीकानेर में पिछले एक महीने में 162 बच्चे जिंदगी की जंग हारे
बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, प्रिंस बिलयसिंह मेमोरियल (पीबीएम) अस्पताल के प्रिंसिपल एचएस कुमार ने कहा, ‘यहां दिसंबर के महीने में 162 बच्चों की आईसीयू में मौत हुई है. लेकिन अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं में कोई लापरवाही नहीं हुई है. जिंदगी बचाने के लिए पूरी कोशिशें की जा रही हैं. ‘