चीन की अर्थव्यवस्था इन दिनों गंभीर दबाव में है। लंबे समय से अमेरिका के साथ चले आ रहे ट्रेड वॉर और अंदरूनी वित्तीय संकटों ने चीन की माली हालत को कमजोर कर दिया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने सरकारी अधिकारियों के लिए बेहद सख्त हिदायतें जारी की हैं।
नई गाइडलाइंस के तहत सरकारी अफसरों को अब सादा जीवन अपनाने का निर्देश दिया गया है। अनावश्यक यात्राओं पर रोक लगा दी गई है, महंगे होटलों में खाने-पीने की मनाही कर दी गई है और दफ्तरों में जरूरत से ज्यादा जगह लेने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इतना ही नहीं, सरकारी खर्च पर शराब पीने और सिगरेट पीने जैसी आदतों पर भी अंकुश लगाने को कहा गया है।
इस सख्ती की वजह साफ है — चीन की आर्थिक रीढ़ मानी जाने वाली रियल एस्टेट सेक्टर की हालत खराब हो चुकी है। जमीन की बिक्री से होने वाली आमदनी में भारी गिरावट आई है, जिससे स्थानीय सरकारों के बजट लड़खड़ा गए हैं। ऊपर से कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है।
शी जिनपिंग अब एक बार फिर अपनी पुरानी नीति की ओर लौटते नजर आ रहे हैं — “कमर कसो, दिखावा बंद करो”। इसका सीधा मतलब है कि अब दिखावटी शानो-शौकत और खर्चीली जीवनशैली पर ब्रेक लगेगा, खासकर सरकारी तंत्र में।
चीन की यह नीति यह संकेत देती है कि देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और उससे उबरने के लिए अब हर स्तर पर सख्ती बरती जा रही है।