जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में हुई थी पुष्टि, सीसीएल और सरकारी कर्मियों की संलिप्तता से हुआ था फर्जीवाड़ा
रांची: चतरा में सीसीएल की परियोजना में नौकरी और मुआवजा घोटाले की सीआईडी जांच करेगी. चतरा जिले के पिपरवार में सीसीएल परियोजना में संगठित तरीके से साजिश कर सरकारी कर्मियों और सीसीएल के अधिकारियों द्वारा सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज के आधार पर मुआवजा वितरण और नौकरी लेने/देने के मामले में टंडवा (चतरा) थाना कांड संख्या – 54/2025 की सीआईडी जांच करेगी. पीआईएल मैन दुर्गा उरांव उर्फ दुर्गा मुंडा ने गृह सचिव व डीजीपी अनुराग गुप्ता से शिकायत किया था। जिसमें कहा था कि मामले में प्रभावी लोग शामिल हैं,जिसमें सरकारी कर्मी और सीसीएल के अधिकारियों की संलिप्तता है। इसलिए उच्च स्तर से जांच किया जाए। मामले में पूर्व में जिला प्रशासन ने अपनी जांच में अंचल कर्मी और सीसीएल के अधिकारियों की संलिप्तता बताते हुए टंडवा थाना में 22 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया था.
जिला प्रसाशन की जांच में हुई थी पुष्टि, फर्जीवाड़ा में सरकारी कर्मी–सीसीएल की संलिप्तता
वंशावली सत्यापन से संबंधित संयुक्त जांच प्रतिवेदन में कुछ मामलों में अंचल अधिकारी एवं सीसीएल के कर्मी और पदाधिकारी के साथ साठ-गांठ कर फर्जी बनावटी वंशावली, फर्जी लगान रसीद, हुकुमनामा, फर्जी जमाबंदी निर्गत कर उसके माध्यम से सीसीएल में धोखाधड़ी कर अधिग्रहण क्षेत्र के बाहरी व्यक्तियों को नौकरी प्राप्त करने के मामले सामने आया है. जांच में यह भी सामने आया है कि गैरमजरूआ खास खाता के फर्जी एवं बनावटी लगान रसीद और हुकूमनामा तथा गलत जमाबंदी के आधार पर निर्गत वंशावली प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजन और मुआवजा का लाभ लिया जा रहा है.
भूमि सत्यापन के संबंध में उक्त छह सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा भूमि सत्यापन से संबंधित संयुक्त जांच प्रतिवेदन में बनावटी एवं फर्जी कागजातों के आधार पर संगठित तरीके से भूमि सत्यापन कर जो अधिग्रहण क्षेत्र से संबंधित नहीं है. वैसे व्यक्तियों के द्वारा धोखाधड़ी से नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है. वैसे कुल 22 व्यक्तियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीसीएल में नौकरी प्राप्त किए हैं.जिसमें सरकारी कर्मियों और सीसीएल के अधिकारियों की संलिप्तता की बात संयुक्त जांच रिपोर्ट में कही गई थी।
मुआवजा राशि गलत तरीके से प्राप्त किया गया है:
इतना ही नही जांच में यह भी मामला सामने आया कि सीसीएल द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के अधीन जमीन अधिग्रहण करते समय उक्त परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहरण के समय विस्थापित होने वाले व्यक्त्तियों व परिवारों को मुआवजा एवं नौकरी का जो प्रावधान है, उसको एक संगठित गिरोह द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर बनावटी हस्ताक्षर, बनावटी प्रतिवेदन प्रयोग कर प्रशासन सीसीएल एवं स्थानीय विस्थापित रैयतों के साथ धोखाधड़ी कर नौकरी एवं मुआवजा राशि गलत तरीके से प्राप्त किया गया है जिसमें जिला भूअर्जन पदाधिकारी के लिखित बयान पर कुल 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। जिनका नाम सूरन भुइयां,सीमा भुइयां,सरिता देवी,बुधन भुइयां, गोपी भुइयां,पूनम कुमारी,मनोहर राम,इस्माइल अंसारी,इब्राहिम,रिजवान,अनवर अंसारी,आफताब अंसारी,शगुप्ता अंसारी,नुमान अंसारी आदि का नाम शामिल है।