गोड्डा: झारखंड के गोड्डा में दो दिन बाद पहली रेलगाड़ी चलनी है. तिथि और समय निर्धारित कर दी गई है. 8 अप्रैल से गोड्डावासी को ट्रेन की सिटी सुनाई देने लगेगी. इस बीच ट्रेन चलाने की क्रेडिट को लेकर सियासत तेज हो गई है.
एक तरफ गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे हैं तो दूसरी तरफ पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव. सोशल मीडिया पर दोनों आमने-सामने हैं.
दरअसल विधायक प्रदीप यादव ने एक वीडियो शेयर कर कहा कि 8 तारीख से गोड्डा में रेल परिचालन की शुरुआत होने वाली है. लेकिन उद्धघाटन कार्यक्रम की सूचना अब तक राज्य सरकार को नहीं दी गई है. इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर शेयर कर यह दिखाया कि गोड्डा में रेल परिचालन के सिलसिले में आवंटन कब हुआ और राज्य सरकार ने इसके लिए कितने पैसे दिए.
ठीक अगले दिन यानी 6 अप्रैल को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक चिट्ठी जारी करते हुए लिखा, “आज कुछ अख़बारों ने सिटी विधायक का बयान छापा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है. सिटी विधायक यह भाजपा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह किसी के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाती है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस कार्यक्रम में ससम्मान बुलाया गया है. विरोध के लिए अक्ल होना ज़रूरी है, अंकल जी.” इसके साथ ही सांसद ने वह चिट्ठी साझा किया, जो रेल मंत्रालय द्वारा झारखण्ड के मुख्यमंत्री को भेजा गया है.
सांसद के वार पर पलटवार करते हुए पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने लिखा, “हम झारखण्डी हैं, हमेशा से हमारे हक व अधिकारों को ये भाजपाई छीनने का प्रयास करते रहे हैं. फर्जी डॉक्टर एक सप्ताह पूर्व से ही हमसफ़र का राग अलाप रहे हैं, लेकिन इस रेल परियोजना में राज्य सरकार की बराबर की भागीदारी और आधे पैसे लगने के बावजूद हमारे मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया जाता है. पर शायद ये लोग भूल जाते हैं कि यह धरती बिरसा-मुंडा और सिदो-कान्हू जैसे कई आंदोलकारियों की धरती है. हमसब इसी के उपज हैं. हम अपना हक व अधिकार छीन कर लेना भी जानते हैं. जब इसका विरोध शुरू होता है तो आनन-फानन में रातों-रात चिट्ठी जारी करने पर मजबूर होना पड़ता है. वैसे गोड्डा से भागलपुर बस से जाने में दो घंटे लगते हैं और अब ट्रेन से 4 घंटे लगेंगे. है न कमाल का उल्टा विकास”