खास बातें:-
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कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा समझ ले, बिरसा मुंडा की धरती संस्कारों से पली बढ़ी है, इसे बदनाम करने की कोशिश ना करें
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राजकुमार राम 14 साल वन में आदिवासियों के साथ रहकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बन गए…नरेंद्र मोदी
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5 वर्ष में गुमला शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में शीर्ष 3 आकांक्षी जिलों में शामिल हुआ
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प्रधानमंत्री ने गुमला में झारखंड के वीर शहीदों को नमन कर जनसभा को संबोधित किया
रांचीः पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस और उसके साथियों का गुमला समेत पूरे झारखंड को बदहाल रखा. इन लोगों ने दिखाया कि गुमला व झारखंड के लोग हिंसा करना चाहते हैं. कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा वालों, यह बात समझ लें, यह बिरसा मुंडा की संस्कारों से पली-बढ़ी धरती है, इसे बदनाम करने की कोशिश ना करें. आपको इसका जवाब मिलेगा.
हमेशा से इनकी यही विचारधारा रही है. इनकी इस विचारधारा को आप मतदान कर पराजित करें. पूर्व की सरकारों ने गुमला को नक्सल प्रभावित मानकर उसको उसके नसीब पर छोड़ दिया था. पिछड़ा जिला बनाकर निराशा से भर दिया. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने देश के 112 जिलों में गुमला को शामिल कर इसे आकांक्षी जिला बनाया. आकांक्षी जिला से हमारा तात्पर्य यह है कि जहां के लोग विकास चाहते हैं.
तमाम विकास के पहलुओं पर नजर रखा गया और गुमला शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में शीर्ष तीन आकांक्षी जिलों में आ गया. हम झारखंड व गुमला की बदली हुई छवि देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में जुटे हैं. वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसे धूमिल करने में लगे हुए हैं.
हम चाहते हैं गुमला में निवेशक आयें, रोजगार के अवसर मिले, युवाओं को गांव छोड़कर ना जाना पड़े. लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दल यह नहीं चाहती. प्रधानमंत्री सोमवार को गुमला में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
कांग्रेस और उसके सहयोगी नक्सलियों का उपयोग राजनीति में करते रहे
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब मैं यहां आया था. तब एक ही मुद्दा था नक्सलवाद,असुरक्षा व हिंसा. भाजपा की सरकार, सुरक्षाबलों व यहां के लोगों के सराहनीय कार्य की बदौलत अब गुमला में भय का वातावरण करीब-करीब समाप्त हो चुका है. नक्सलवाद समाप्त करने में हमारी नियत साफ है. कांग्रेस व उसकी सहयोगी दलों की सरकारें चाहे दिल्ली में रही हो या झारखंड में उनकी नियत में खोट रहता था. वे नक्सलियों का उपयोग राजनीति में कर लड़ाई का खेल खेलते थे.
वर्तमान भाजपा सरकार ने कदम उठाए जो मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं उनके लिए भी प्रयास हुए. जो लौट कर आए उनकी माताएं हमें आशीर्वाद भी दे रही हैं. आज हम जो भी कर पा रहे हैं. वे उनके आशीर्वाद के बदौलत ही हो पा रहा है. आप फिर कमल खिलाएं. भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनाएंगे तो नक्सलवाद की कमर पूरी तरह टूटेगी.
भाजपा ने आदिवासी नेतृत्व को सम्मान और संवैधानिक व्यवस्था में अवसर दिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के स्वास्थ्य, समृद्धि और सम्मान के लिए भाजपा सरकार प्रयास कर रही है. आदिवासियों के प्रति सम्मान व संवेदना का ही परिणाम है झारखंड राज्य का गठन. इसके बाद आदिवासियों को आगे बढ़ाने के लिए जनजातीय विभाग बना. आदिवासी प्रतिभा को आगे बढ़ाया गया.
संवैधानिक पदों पर भी उन्हें भरपूर अवसर मिला. आदिवासी राज्यपाल और उपराज्यपाल भी आदिवासी HHसमाज से बने. सीमोन उरांव व अशोक भगत को पद्म विभूषण प्रदान किया गया. खेल के क्षेत्र में भी आगे आ रहे आदिवासी युवाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. आदिवासी इतिहास व संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए बिरसा मुंडा संग्रहालय तैयार हो रहा है जहां आदिवासियों की गौरवपूर्ण गाथा को प्रस्तुत किया जाएगा.
राम ने 14 साल आदिवासियों के साथ गुजारा और बने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासियों ने भी प्रभु राम को मार्ग दिखाया था. राम राजकुमार राम थे और 14 वर्ष वनवास में कांटे. ये 14 साल उन्होंने आदिवासियों के साथ गुजारे थे. जब वे लौटे तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाए. गुमला के पास श्री राम का वनवास के दौरान ठहरना हुआ था. अंजनी धाम में भी उनके सखा बाल स्वरूप में विराजमान हैं. लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने राम जन्म पर कैसी राजनीति की और समाज को बांटा.
अपने वोट बैंक की खातिर फैसला होने नहीं दिया. भारतीय जनता पार्टी वनवासियों आदिवासियों और झारखंड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. भाजपा यहां के आदिवासियों की अनेक मुश्किल को दूर करते हुए उनकी जिंदगी को आसान बनाया है. भाजपा ही आदिवासियों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेगी, इसके लिए पूरे झारखंड से मेरा आग्रह है कि भारी संख्या में मतदान करें. सिर्फ कमल निशान व पहचान देखनी है और विकास का डबल इंजन झारखंड को आगे ले जाने के लिए लगाना है.
वन उत्पाद के संग्रहण हेतु 160 केंद्र खोलने की योजना
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने यहां के मात्र 10 वन उत्पादों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया था. वर्तमान सरकार ने 50 वन उत्पादों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाई है. अब इन उत्पादों का निश्चित दाम सुनिश्चित हुआ है. वनधन नेटवर्क के जरिए झारखंड में 40 केंद्र हैं. 2020 तक 160 केंद्र खोलने की योजना है ताकि वन उत्पाद का वैल्यू ऐड किया जा सके. वनवासियों के बीच जमीन का पट्टा वितरण का काम तेजी से हो रहा है.
मकसद से पढ़ाई नहीं बल्कि कौशल विकास भी है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एकलव्य स्कूल बनाने की योजना पर कार्य हो रहा है. दो दशक पहले शुरू किया गया कार्य कांग्रेस और उसकी सहयोगी दलों की वजह से कछुए की चाल चला जिससे परेशानी हुई. लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने इसकी गति को बढ़ाया है. देश के हर 20 हजार से अधिक आदिवासी बहुल क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय स्थापना करने की योजना है. झारखंड में 46 एकलव्य विद्यालय की स्वीकृति मिली है, इसका मकसद सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि कौशल विकास भी होगा ताकि आदिवासी युवा और बेटियां अपना योगदान देश व राज्य के उत्थान में दें.
8 लाख से अधिक नए घर निर्माण में हो रहा है काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति नहीं गरीब को सम्मान व गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर मिले यह हमारा लक्ष्य है. उनके हक का लाभ उन्हें मिलना भी चाहिए. उज्ज्वला योजना के तहत हर जाति हर समुदाय को इसका लाभ मिला. शहर में रहने वाले गरीब को भी पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा मिला तो जंगल में रहने वाले को भी 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा प्राप्त हुआ. सभी को पक्का मकान देने का काम हो रहा है. 8 लाख से अधिक नए घर निर्माण की प्रक्रिया में है. जिन्हें आवास योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है उन्हें आजादी के 75 साल यानी 2022 तक अपना मकान हो. यह इसका लक्ष्य लेकर सरकार काम कर रही है. आवास के मामले में पूर्व की स्थिति में बदलाव बदलाव आया है. भाई भतीजा वाद नहीं है. अब लाभुक के खाते में पैसा जमा होते हैं. वे अपने हिसाब से अपना घर बना सकते हैं. इसका आकार पहले से बढ़ाया गया है। सिर्फ चारदीवारी नहीं बल्कि स्वाभिमान के साथ लाभुक जी सकें इसकी व्यवस्था की जा रही है.
हर घर जल पहुंचाने की है योजना
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2024 तक हर घर को जल से जोड़ना है, जिस तरह हर घर में शौचालय का निर्माण हुआ. उस तरह हर घर में जल मां बहनों की रसोई तक पहुंचेगा. आदिवासी समाज को इससे बड़ा लाभ मिलने वाला है. दिल्ली में मजबूत सरकार आपने बनाई है तो अब झारखंड में भी बनानी है ताकि तालमेल बना रहे.