रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति (COVID-19) की आज रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम में बैठक की. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल, सांसद धीरज प्रसाद साहू, वरिष्ठ नेता रौशन लाल भाटिया, प्रदीप तुलस्यान, आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता उपस्थित थे. इस बैठक में पार्टी नेताओं की ओर से यह मांग की गयी कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार झारखंड को विशेष पैकेज उपलब्ध कराये या फिर जीएसटी का बकाया तुरंत उपलब्ध कराये.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बताया कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार अपना काम कर रही है और पार्टी भी अपने दायित्वों के निर्वहन में जुटी है. उन्होंने बताया कि राज्य में 58 लाख राशन कार्डधारियों के अलावा राशन कार्ड के लिए आवेदन देने वाले आठ लाख परिवारों, गरीबी रेखा से जीवन बसर करने वाले आठ लाख परिवारों को अनाज उपलब्ध करायी जा रही है. इसके अलावा सभी जिला, प्रखंड और प्रमुख स्थानों बनाये गये दाल-भात केंद्रों के अलावा सभी थानों में बनाये गये सामुदायिक रसोईघर के माध्यम से प्रतिदिन लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा प्रत्येक जिलों में आपात स्थिति में लोगों को राहत उपलब्ध कराने के लिए चूड़ा-गुड़ के पैकेट की भी व्यवस्था की गयी है. ये सभी योजनाएं किस तरह से धरातल पर उतर रही है, इसके लिए फीडबैक जरूरी है. इस लिए कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ता गांव, पंचायत, प्रखंड और जिला मुख्यालय से रिपोर्ट प्राप्त कर मुख्यालय को सौंप कर रहे है. इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी की ओर से सरकार को आवश्यक सुझाव दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि संकट की इस घड़ी में राज्य में किसी की भी भूख से मात न हो, इसके लिए सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाये रखना जरूरी है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इतनी योजनाओं के बावजूद यदि कहीं कोई चूक हो जाती है, तो पार्टी की ओर से अलग से राहत कार्य की जाएगी. हालांकि राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक सेवाओं के अलावा पशु आहार की समुचित व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा पूर्ववर्ती सरकार में जिन लोगों को उज्ज्वला योजना का लाभ दिया गया था, उन परिवारों तक रसोई गैस सिलेंडर पहुंचे, इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाये गये है.
आलोक कुमार दुबे ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सिर्फ वीडियो कांफ्रेंस से बात कर समस्या का समाधान नहीं होगा, झारखंड जनजातीय बाहुल्य और पिछड़ा क्षेत्र है, इस इलाके पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का केंद्र सरकार के पास जीएसटी का भी काफी पैसा बकाया है, तत्काल केंद्र सरकार उसे उपलब्ध कराया गया, इसके अलावा अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है, इसलिए झारखंड जैसे राज्यों को विशेष पैकेज मिलना चाहिए.
Also Read This: धान की ढ़ेर व पुआल में लगी भीषण आग
उन्होंने कहा कि इस महामारी के वक्त बातों से समस्या को डायर्वट करने या राजनीति करने की जगह सभी को मिलकर संघर्ष करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि इस वक्त भाजपा के लोग भी बीमार होंगे, तो उन्हें गले लगाकर उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी.