पटना : बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में सारी सियासी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. मुद्दा कोई भी हो, सियासी दल इसे भुनाने में लग गए हैं. खास कर महागठबंधन खेमे में एक-दूसरे से आगे निकलने और खुद को मजबूत दिखाने की एक होड़ सी मची है. इस रेस में सोमवार को कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर राजधानी पटना की सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन किया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ साइकिल यात्रा पर निकले. खूब माहौल बनाया गया. साइकिल, टमटम से लेकर बैलगाड़ी तक से कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर निकले. अभी से दो-तीन दिन पहले कुछ इसी तरह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप भी साइकिल चलाते हुए सड़क पर निकले थे, और पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला था. यानी आम आदमी से जुड़े इस बड़े मुद्दे को भी तेजस्वी की सेना ने कांग्रेस से पहले लपक लिया. तेजस्वी की इस पब्लिसिटी को देखकर कांग्रेस घबरा गई क्योंकि वो एक राष्ट्रीय पार्टी है.बिहार में भले ही दोनों पार्टियां गठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन कांग्रेस हमेशा से चाहती है कि उस पर आरजेडी के पिछलग्गू होने का जो दाग लगा हुआ है, उसे मिटाया जाए. शायद यही कारण है कि देर से ही सही लेकिन कांग्रेस ने अपनी साइकिल यात्रा को सफल बनाने के लिए खूब जोर लगाया. जनता के लिए कांग्रेस के इस आंदोलन से जनता ही हुई परेशान. सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता, उनके नेता और खुद पीसीसी अध्यक्ष मदन मोहन झा ने पटना के बोरिंग रोड चौराहे से लेकर डाक बंगला चौराहे तक साइकिल चलाया. इस दौरान पैडल पर उनके पांव कई बार डगमगाए लेकिन नेताजी को पता था कि यहां रुके तो मीडिया के कैमरे चल रहे हैं, फजीहत हो जाएगी. इस तामझाम के साथ तमाम कांग्रेसी डाकबंगला चौराहा तक पहुंच गए. लेकिन यहां आने के बाद लंबा जाम लग गया. किसी को इस बात की चिंता नहीं थी कि उनके आंदोलन से किसी का ऑफिस छूट रहा है, या किसी को दवा लेनी है या फिर किसी को अस्पताल जाने की जल्दी है.
Bnn भारत न्यूज ने जाम में फंसे कुछ लोगों से बात की तो उनका दर्द छलक गया. उनका मानना था कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ जरूर आंदोलन होना चाहिए लेकिन जनता को इस तरह जाम में फंसाकर और परेशान कर के हरगिज नहीं. इसके बाद हमने एक दूसरे सज्जन से पूछा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होनी चाहिए या नहीं. क्या इसके लिए यह आंदोलन जरूरी है तो उनका जवाब आया महंगाई कम होनी चाहिए लेकिन इस तरीके से नहीं. क्योंकि जाम की वजह से ऑफिस पहुंचना में देर हो रही है.