ब्यूरो चीफ
रांची
झारखंड सरकार शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में तब्दील करने में जुट गयी है. सरकार की तरफ से शहरों को बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की अमृत योजना का सहारा लिया जा रहा है. वैसे राजधानी के कोर कैपिटल एरिया में स्मार्ट सिटी भी बन रही है. इसमें झारखंड अरबन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (जूपमी), कनवेंशन सेंटर और अन्य का निर्माण किया जा रहा है. एचइसी में बनने वाले स्मार्ट सिटी परिसर का काम पांच चरणों में पूरा किया जायेगा. इस पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. एलएनटी को 470 करोड़ रुपये का एरिया बेस्ड डेवलपमेंट का काम दिया गया है. कंपनी को 407 करोड़ का कनवेंशन सेंटर भी बनाने की जवाबदेही सौंपी गयी है.
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पहले चरण में जूपमी भवन का काम पूरा हो जायेगा. 30 नवंबर तक जूपमी भवन सरकार को सौंप दिया जायेगा. जूपमी में आठ ब्लाक बनाये गये हैं. 109 करोड़ रुपये की लागत वाले इस भवन में छात्रावास, प्रशिक्षण सेंटर, आडिटोरियम और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. एमपीवी प्रोजेक्ट्स को यह काम मिला हुआ है. स्मार्ट सिटी में सिविक टावर और कनवेंशन सेंटर दो महत्वपूर्ण भवन हैं. इसमें 598 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. एचइसी के कोर कैपिटल एरिया में सरकार ने 656.43 एकड़ जमीन इसके लिए अधिकृत की है. कनवेंशन सेंटर 29508 वर्ग फीट में बनेगा, जहां सारी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी. यहीं पर 15 मंजिला अरबन सिविक टावर भी बनाया जायेगा. शापुरजी पालोनजी कंपनी अरबन सिविक टावर बनाने का काम कर रही है. इसमें 12293 वर्ग मीटर स्पेश में अंडरग्राउंड सिवरेज, बिजली व्यवस्था, वाईफाई सिस्टम और अन्य काम होगा.
दो बार हो चुके हैं स्थानीय निकायों के चुनाव :
अलग झारखंड राज्य का गठन होने के बाद से दो बार स्थानीय निकायों का चुनाव सरकार ने कराया है. पहली बार 2013 में जबकि दूसरा चुनाव 2018 में कराया जा चुका है. इसमें शहरी क्षेत्रों के नगर निगम में महापौर, उप महापौर और वार्ड पार्षदों का चुनाव कराया गया, वहीं नगर निगमों को आधुनिक और पारदर्शी बनाया गया है. रांची के अलावा जमशेदपुर, धनबाद, चास, देवघर, हजारीबाग और चास को नगर निगम बनाया गया है. सत्ता के विकेंद्रीकरण को लेकर जनता को शासन देने कारगर कोशिश की जा रही है. नगर निगमों को भी स्वपोषित करने की दिशा में सरकार काम कर रही है. नगर निगमों में कचरे के निष्पादन के लिए बड़े शहरों की तर्ज पर कचरे से उठाव का लेकर उसे प्रोसेस भी किया जा रहा है. सरकार की तरफ से सिनेमा को प्रोत्साहित करने के लिए सिनेप्लेक्स नीति भी लायी गयी. अब राज्य के सभी बड़े मॉल में सिनेमा के कई स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स भी चल रहे हैं.