अस्पतालों में किया जाएगा फल वितरण, गरीबों को की जाएगी मदद
रांची: इस्लामी मरकज हिंदपीढ़ी रांची में सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी रांची की एक मीटिंग एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें मुफ्तियाने केराम, उलेमा ए केराम, मस्जिदों के इमाम, अंजुमन, पंचायत और मुख्तलिफ कमेटियों के जिम्मेदार शरीक हुए.
मीटिंग के एजेंडे पर प्रकाश डालते हुए कमेटी के अध्यक्ष मौलाना जसीमुद्दीन खान ने कहा कि इस वक्त कोरोना के खतरा बढ़ रहे हैं और आने वाले 10- 15 दिन में ईद मिलादुन्नबी भी है, जिसमें सभी कार्यक्रम का आयोजन करने पर गौर किया जाना जरूरी है.
कमेटी के सचिव अकील उर रहमान ने संचालन की. बैठक में शामिल सभी उलेमा व दानिशवरों ने अपनी-अपनी राय पेश की. मौलाना डॉक्टर ताजुद्दीन रिजवी, कारी जान मोहम्मद रिजवी, मुफ्ती फैजुल्ला मिस्बाही, कारी मोहम्मद अयूब, मौलाना आबिद रजा, मौलाना शेर मोहम्मद, हाफिज जावेद, मोहम्मद जावेद गद्दी, मास्टर उस्मान समेत अन्य रहनुमाओं ने शरीयत की.
रौशनी में, कानूनी पहलु के परिपेक्ष्य में अकीदत व एहतेराम और जोश व खरोश के साथ जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाने पर चर्चा की. मीटिंग के आखिर में आए हुए सभी उलेमा व प्रबोध लोगों ने फैसला लिया कि झारखंड और मुल्क में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ रहा है. इसे रोकने के लिए सभी हिंदुस्तानी खासकर मुसलमानों ने भी शबे बरात, रमजानुल मुबारक, नमाजे तरावीह, अलविदा, नमाज ईद उल फितर, ईद उल अजहा और मुहर्रम जैसे मुबारक त्योहारों में जो कुर्बानियां पेश की हैं वह कभी भुलायाई नहीं जा सकती.
आज भी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए और सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक, रियासत और देश की हिफाजत के लिए यह फैसला लिया गया कि इस वर्ष ईद मिलादुन्नबी का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. ईद मिलादुन्नबी के मौका से लाखों की तादाद में पैग़ंबरे इस्लाम मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम के जन्मदिन की खुशी में पैगामे भाई चारे के साथ हर अमन पसंद और आशिक ए रसूल जो जुलूस ए मोहम्मदी निकाला करते थे. वह इस बार कोरोना को देखते हुए नहीं निकाला जाएगा, ताकि समाज की हिफाजत के साथ सरकारी गाइडलाइन पर भी अमल हो सके.
फैसले के अनुसार, जुलुस के अलावे ईद मिलादुन्नबी पर जितने भी कार्यक्रम हुआ करते थे, वह सभी का आयोजन होगा. फैसले के अनुसार, कुरान खानी, हर इलाकों में महफिले मिलादुन्नबी, लंगर, हर घरों में हरे झंडे लगाना, मोहल्लों को सजाना, मस्जिदों, मदरसों खानकाहों को सजाया जाएगा और मोहल्लों में कुमकुमे लगाना, हर इलाके में गेट, बैनर लगाना, गरीबों की मदद करना, अस्पतालों में मरीजों के बीच फल तकसीम करना और उलेमा ए केराम की तकरीर शामिल हैं, इन सब का आयोजन होगा.
फैसले में कहा गया कि सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी के जिम्मेदार और कमीटी के लोग अपने-अपने हल्कों में दौरा करके जश्ने ईद मिलादुन्नबी की तैयारियों का जायजा लेंगे और तमाम कार्यक्रम का आयोजन शरीयत की रोशनी में सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ही होगा.
सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी ने मुख्यमंत्री हेमंत सरकार से कहा कि पूरे झारखंड में ईद मिलादुन्नबी को अवसर पर 28/29 /30 अक्टूबर को पानी बिजली साफ-सफाई , सिक्योरिटी एवं विधि व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम करे.
मौके पर मौलाना निजामुद्दीन, अब्दुल मुबीन, मौलाना शमीम, मौलाना मुजीब उर रहमान, मोहम्मद शफीक, इमरान खान, आदिल रशीद, हसन खान, मोहम्मद अकबर, मोहम्मद आसिफ, मौलाना फारूक, मौलाना दिलदार, सैयद खुर्शीद हाअख्तर, हदीस आलम, हाफिज अशरफ, हाफिज अनवर, मौलाना गुलाम हैदर, मौलाना अशफाक, मौलाना नौशाद, कारी हाशिम, मुख्तार खान, आफताब आलम, मोहम्मद तोहीद, एस एम मोईन, हाजी सउद, साबिर अली शामिल थे.