नई दिल्ली:कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एपलाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेर्ड इवांस ने वायरस के बारिश की वजह से बढ़ने की बात एक बार फिर सामने रखी है. जबकि पिछली कई रिपोर्ट्स और शोधों में इस बात का दावा किया जाता रहा है कि वायरस पर सर्दी, नमी और गर्मी का कोई खास असर नहीं पड़ेगा.
हालांकि इवांस कहते हैं कि अभी ठीक से अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वायरस का बारिश में क्या होगा लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश की नमी से कोरोना वायरस बढ़ सकता है.
वहीं, दूसरी तरफ वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेर्ड बेटेन मानते हैं कि बारिश कोरोना वायरस कमजोर कर सकती है, इसे डायल्यूट करना भी कहा जा सकता है.
जैसे बारिश में सब कुछ धुल कर पानी के साथ बह जाता है वैसे ही कोरोना वायरस भी बह सकता है, जबकि बेटेन की बात का कई विशेषज्ञों विरोध करते हैं और कहते हैं कि बारिश साबुन के पानी की तरह जमीन से कीटाणुओं को खत्म करने में सक्षम नहीं है.
यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की एपिडिमियोलॉजी डिपार्टमेंट की संस्थापक और वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने का मानना है कि बारिश के पानी से वायरस नहीं मरेगा और ना ही इसके फैलने की गति धीमी होगी. यह अपनी गति से ही फैलेगा. वैसे ही जैसे पानी से हाथ धोने से साफ नहीं होते, उसके लिए साबुन जरूरी होता है.