गुजरात: गुजरात में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों की संख्या हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही है. कोरोना के बढ़ते आतंक पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. बावजूद इसके दैनिक मामलों में कमी दर्ज नहीं की जा रही है.
सूरत में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. सूरत में कोरोना की वजह से स्थिति इतनी खराब हो गई है कि ज्यादातर अस्पताल फुल हो गए हैं. जिसकी वजह से अब अस्पताल गंभीर कोरोना रोगियों को भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं.
इस बीच आज मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल और राज्य के सभी आला आरोग्य विभाग के अधिकारियों ने सूरत में एक इमरजेंसी बैठक की. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली इस बैठक मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो बिना मतलब और काम के बाहर ना निकलें.
इतना ही नहीं सूरत नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल ने भी कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है. ऐसे लोगों को अब मजबूरी में सिविल अस्पताल में जाना पड़ रहा है. जबकि सिविल अस्पताल में भी रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि कोरोना सिर्फ गुजरात में नहीं बल्कि पूरे देश में बढ़ रहा है. कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है. गुजरात के 4 महानगरों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं. सीएम रुपाणी ने कहा कि टीका और मास्क पहनने से कोरोना पर काबू पाया जा सकता है. मास्क पहनने वाले 98 फीसदी लोग कोरोना से बच रहे हैं.
गुजरात में 3,280 नए मामले दर्ज
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस मौके पर सूरत को 300 वेंटिलेटर देने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने तालाबंदी पर सार्वजनिक चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चिंता न करें, सरकार की स्पष्ट नीति है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किसी को नुकसान नहीं होगा.