रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में निर्वाची पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारी द्वारा महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया जाना है, क्योंकि किसी भी चुनाव की सफलता ना सिर्फ निर्वाचन संबंधित प्रक्रियाओं के सफल संचालन पर निर्भर करती है. साथ ही निर्वाची पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारी का भी यह दायित्व है कि स्वतंत्र, स्वच्छ, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण में अपनी भूमिका को जिम्मेदारी पूर्वक निभाएं.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में आज से आयोजित दो दिवसीय सर्टिफिकेशन कोर्स में शामिल निर्वाची पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारी को संबोधित करते हुए अवर सचिव सह-मास्टर ट्रेनर देवदास दत्ता ने कहा कि इस प्रयोजन के लिए आवश्यक है कि चुनाव से संबंधित अधिनियमों और नियमावली की पूरी जानकारी रहे. साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नए निर्देशों अनुदेशों और नवीनतम प्रावधानों से भी पूरी तरह अवगत रहें.
निर्वाचन व्यय से संबंधित प्रावधानों की दी गई जानकारी
निर्वाची पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारियों को निर्वाचन व्यय के अनुवीक्षण की विस्तार से जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि विधानसभा चुनाव में अभ्यर्थियों के लिए वैध व्यय की अधिकतम सीमा 28 लाख रुपए हैं. ऐसे में निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में किए गए प्रावधानों व निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित हो, इस दिशा में आपको सजग और सतर्क रहना होगा.
उन्होंने निर्वाचन व्यय को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों की विस्तार से जानकारी दी.
नामांकन प्रक्रिया को लेकर नवीनतम प्रावधानों की दी गई जानकारी
विधानसभा के पहले चरण के चुनाव लिए 6 मार्च को अधिसूचना जारी की जाएगी. ऐसे में अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन प्रक्रिया के दौरान किन-किन प्रावधानों का पालन किया जाना है, इसकी जानकारी उप निर्वाचन पदाधिकारी गीता चौबे और राजेश रंजन वर्मा द्वारा दी गई.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा जो प्रावधान किए गए हैं, उनका हर हाल में पालन किया जाना है. नामांकन पत्रों की जांच, अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन पत्र वापस लेने और अभ्यर्थियों को सिंबल अलॉटमेंट को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा जो नवीनतम प्रावधान किए गए हैं उससे भी उन्हें अवगत कराया गया.
आदर्श चुनाव आचार संहिता का सख्ती से हो पालन
विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है. इसे लेकर निर्वाचन आयोग ने जो प्रावधान किए हैं, उनका सख्ती से पालन किया जाना है. एम. खान उप सचिव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्वाची पदाधिकारी और सहायक निर्वाची पदाधिकारी को यह भी बताया कि चुनाव आचार लागू होने के बाद क्या करना चाहिए और क्या नहीं. कोई प्रत्याशी या दल इसका उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए.